जयपुर/डूंगरपुर: राजस्थान के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है. आरडीएसएस (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) योजना के तहत राज्य सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्यता को अस्थायी रूप से शिथिल कर दिया है. अब प्रदेश में आवश्यकता अनुसार पुराने (नॉन-स्मार्ट) मीटर भी लगाए जा सकेंगे.
यह फैसला स्मार्ट मीटरों की भारी कमी, तकनीकी खामियों और विभिन्न जिलों में उपभोक्ताओं द्वारा किए जा रहे विरोध के चलते लिया गया है.
क्या है स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर एक डिजिटल उपकरण है जो बिजली की खपत को रियल टाइम में रिकॉर्ड करता है. यह जानकारी स्वतः ही डिस्कॉम के सर्वर पर भेजता है, इसमें रिचार्ज आधारित भुगतान और उपभोक्ता को मोबाइल पर खपत की जानकारी मिलने जैसी सुविधाएं होती हैं.
विपक्ष का आरोप : सरकार द्वारा निजी कंपनियों को फायदा
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर परियोजना को कुछ चुनींदा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया गया था. विपक्ष का दावा है कि इन मीटरों के चलते आम उपभोक्ताओं पर अनावश्यक बिजली बिलों का बोझ बढ़ा है.
जनता में आक्रोश : दोगुना से तीन गुना बढ़े बिल, मीटर गलत
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से मिल रही शिकायतों में उपभोक्ताओं ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद से उनके बिजली बिल दोगुने से तीन गुना तक बढ़ गए हैं, जबकि खपत में कोई खास अंतर नहीं आया है. कई जगह लोगों ने स्मार्ट मीटरों को हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किए थे.
दिशा-निर्देशों के मुख्य बिंदु
- अब स्मार्ट मीटर केवल उन्हीं क्षेत्रों में अनिवार्य होंगे, जहां इनकी स्थापना पहले से प्रगति पर है या पूरी हो चुकी है. जैसे जयपुर, जोधपुर और अजमेर के कुछ शहरी क्षेत्र.
- अन्य जिलों व ग्रामीण क्षेत्रों जैसे बाड़मेर, चुरू, झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर आदि में जहां स्मार्ट मीटर की उपलब्धता नहीं है, वहां पुराने (नॉन-स्मार्ट) मीटर भी लगाए जा सकेंगे.
- खराब या जले हुए मीटरों की जगह, स्मार्ट मीटर उपलब्ध न होने पर पुराने मीटर लगाए जाएंगे.
- उपभोक्ताओं को मीटर बदलवाने के लिए अनावश्यक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी.
- शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे के भीतर मीटर बदले जाने की समय-सीमा तय.
- यदि समय पर मीटर नहीं बदला गया, तो उपभोक्ता को बिजली बिल में 5% तक की छूट (रीबेट) मिलेगी.
- यह अंतरिम व्यवस्था स्मार्ट मीटर योजना के पूर्ण रूप से लागू होने तक लागू रहेगी.
- सरकार का जोर उपभोक्ता संतुष्टि और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने पर.
जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश के कई जिलों से स्मार्ट मीटरों को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही थीं. जैसे बिलों में त्रुटियां, नेटवर्क समस्या, और मोबाइल ऐप से मीटर न जुड़ना. कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए. सरकार ने इन जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है.
उपभोक्ताओं को अब मीटर बदले जाने में पारदर्शिता और समयबद्धता मिलेगी. यह फैसला उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में राज्य सरकार का एक संवेदनशील और सराहनीय कदम माना जा रहा है.