छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के चर्चित सोलर लाइट घोटाले पर बड़ा अपडेट सामने आया है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बस्तर क्षेत्र में सोलर लाइट और अन्य उपकरणों से संबंधित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मामले में सरकार को जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने इस मामले में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया.
धनराशि का इस्तेमाल सही प्रक्रिया के तहत नहीं किया गया
यह मामला 2021 से 2023 के बीच बस्तर के विभिन्न गांवों में सौर स्ट्रीट लाइट और अन्य उपकरणों की खरीद व स्थापना से संबंधित है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं और धनराशि का दुरुपयोग किया गया. बताया गया कि आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, खनिज न्यास निधि और क्षमता विकास निधि के तहत प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल सही प्रक्रिया के तहत नहीं किया गया.
इस कार्य में 17.23 करोड़ रुपये खर्च हुए
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बस्तर संभाग के 181 गांवों में 3620 सोलर स्ट्रीट लाइट्स 47,600 रुपये प्रति यूनिट की लागत से लगाई गईं, जिन पर कुल 17.23 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसी प्रकार, जिला सुकमा में 85 लाख रुपये, जांजगीर में 2.96 करोड़ रुपये, कोंडागांव में 8 करोड़ रुपये, और कांकेर में 14.40 लाख रुपये का खर्च दर्ज किया गया. हालांकि, सोलर लाइट की खरीद प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं.
पिछली सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) के वकील देवर्षि ठाकुर ने बताया था कि यह निविदा प्रक्रिया क्रेडा के माध्यम से नहीं हुई, जो नियमों का उल्लंघन है. इसके अलावा, भंडार क्रय नियमों की भी अवहेलना की गई.
‘एफआईआर दर्ज कर ली गई’
मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के ऊर्जा सचिव ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया और अधिवक्ता शशांक ठाकुर ने बताया कि मामले की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कर ली गई है, और विधानसभा की आंतरिक समिति का गठन किया गया है. कोर्ट ने इस मामले में जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 19 फरवरी 2025 को होगी.