सुपौल में स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं, जारी हुआ नया फरमान

सुपौल: जिले के सरकारी विद्यालयों से गायब रहने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं है. ऐसे शिक्षकों की निगरानी अब मुखिया, वार्ड सदस्य और गांव वाले भी करेंगे. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों, कार्यक्रम पदाधिकारियों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा है. निर्देश के अनुसार, यदि मुखिया, वार्ड सदस्य, ग्रामीण जनता और अन्य किसी को यह सूचना प्राप्त होती है कि कोई शिक्षक, प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक विद्यालय में हाजिरी लगाकर गायब रहते हैं, तो वे इसकी सूचना विभागीय काल सेंटर के टोल फ्री नंबर 14417 और 18003454417 पर देंगे.

इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, ताकि विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण और अनुशासन सुनिश्चित हो सके. अपर मुख्य सचिव ने अपने निर्देश में कहा है कि प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति पर कड़ाई से नजर रखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षक समय पर विद्यालय आएं एवं समय से विद्यालय छोड़ें. सभी शिक्षक अपनी उपस्थिति विद्यालय परिसर के अंदर आकर दर्ज करेंगे, इसे सुनिश्चित किया जाय. ऐसे शिक्षकों की पहचान की जाए, जो विद्यालय परिसर के बाहर से उपस्थिति दर्ज करते हैं. ऐसी उपस्थिति अमान्य होगी.

अपर मुख्य सचिव ने हिदायत दी है कि सभी शिक्षक अपना अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही विद्यालय छोड़ेंगे. अगर कोई भी शिक्षक बिना अवकाश स्वीकृत कराए अवकाश पर चले जाते हैं, तो इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी जाए. प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक एक पंजी रखेंगे, जिसमें आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होने पर यदि बच्चे विद्यालय कार्यावधि के पूर्व विद्यालय छोड़ कर कहीं आवश्यक कार्य से जाते हैं, तो उनके संदर्भ में पंजी में तिथि एवं समय अंकित किया जाएगा. आकस्मिक स्थिति में बच्चों के अभिभावक को दूरभाष पर सूचना दी जानी चाहिए कि उनके बच्चे विद्यालय समय पूर्व छोड़ कर घर या अन्य जगह आवश्यक कार्य से जा रहे हैं.

“टन-टन…सुनो घंटी बजी स्कूल की, चलो स्कूल तुमको पुकारे….” शिक्षा का यह अधिकार गीत स्कूल शुरू होने (9.30 बजे) के 15 मिनट पहले दो बार बजेगा. लाउडस्पीकर पर इस गीत को बजाने की जिम्मेदारी सभी प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक की होगी. रोज अभिभावकों को लाउडस्पीकर से स्कूल संचालन की जानकारी दी जाएगी. इसके लिए 48 घंटे के अंदर स्कूलों में लाउडस्पीकर की व्यवस्था होगी. शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी विद्यालयों के परिसर और कार्यावधि में शैक्षणिक गतिविधियों की अनिवार्यता और अनुशासन बनाये रखने का निर्देश दिया है.

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