दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं. केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने बीजेपी के ‘शीशमहल’ के आरोपों को लेकर विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले में नवंबर से ही CVC के आदेश पर जांच चल रही थी.
शुरुआती रिपोर्ट मिलने के बाद अब विस्तृत जांच का आदेश जारी हुआ है. इस मामले में केजरीवाल पर कानूनी संकट का नया शिकंजा कसता नजर आ रहा है. पिछले साल 14 अक्टूबर 2024 को विजेंद्र गुप्ता ने सीवीसी से इस मामले की शिकायत की थी.
विजेंद्र गुप्ता ने क्या आरोप लगाए?
सीवीसी ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास 6 फ्लैग स्टाफ बंगले के रेनोवेशन की जांच के आदेश दिए हैं. सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) से उन आरोपों की विस्तृत जांच करने को कहा है जिनमें कहा गया है कि ‘40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैले एक भव्य बंगले के निर्माण के लिए भवन निर्माण मानदंडों का उल्लंघन किया गया था’.
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने 14 अक्टूबर 2024 को मुख्य सतर्कता आयोग से शिकायत में यह आरोप लगाया था कि राजपुर रोड पर प्लॉट नंबर 45 और 47 और दो बंगले (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) सहित सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया और नए आवास में विलय कर दिया गया, जो ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) मानदंडों का उल्लंघन करता है.
दिसंबर मे सौंपी गई थी रिपोर्ट
5 दिसंबर 2024 को विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर आधारित एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सीपीडब्ल्यूडी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) द्वारा सीवीसी को सौंपी गई थी. 13 फरवरी 2025 को तथ्यात्मक रिपोर्ट की जांच के बाद सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी के सीवीओ को मामले की विस्तृत जांच करने को कहा.