मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित महाकाल के मंदिर में भस्म आरती को लेकर एक विशेष व्यवस्था को शुरू किया गया है. माना जा रहा है कि इस व्यवस्था से भस्म आरती में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश पर पूर्णता रोक लग सकेगी. बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने आने वाले श्रद्धालुओं के हाथों में आरएफआईडी रिस्टबैंड बांधकर ही उन्हें मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा. ये व्यवस्था आज सुबह से ही लागू हो गई है.
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के व्यवस्थापक गणेश धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले काफी समय से यह शिकायत मिल रही थी कि मंदिर में सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती में कुछ दलाल अनाधिकृत रूप से लोगों का प्रवेश कराते हैं. बाबा महाकाल की भस्म आरती एक ऐसी आरती है जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन उज्जैन पहुंचते हैं, लेकिन यहां आरती में शामिल होने वाले भक्तों को नियमों के तहत ही प्रवेश दिया जाता है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
भस्म आरती में ऐसे मिलेगा प्रवेश
भस्म आरती में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश को पूर्णता प्रतिबंधित करने के लिए भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के हाथों में आरएफआईडी रिस्टबैंड पहनाए जाने की शुरुआत आज से की गई है जिससे केवल योग्य व्यक्तियों को ही भस्म आरती में प्रवेश मिल रहा है. प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि इस नई प्रक्रिया के तहत सामान्य श्रेणी के भक्तों को श्री महाकाल महालोक स्थित मानसरोवर भवन से और प्रोटोकॉल के श्रद्धालुओं को अवंतिका द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है.
नई व्यवस्था लागू
जानकारी के मुताबिक, सामान्य श्रेणी के श्रद्धालु हो या फिर प्रोटोकॉल धारक दोनों ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के पहले भस्म आरती का परमिशन दिखाना पड़ रहा है. उसके बाद उनके मोबाइल नंबर बताने के बाद रिस्टबैंड पर क्यूआर कोड प्रिंट कर तत्काल उन्हें श्रद्धालुओं के हाथों पर बांधा जा रहा है. रिस्टबैंड बांधे जाने के बाद मंदिर में उन्हीं श्रद्धालुओं को प्रवेश मिल रहा है जिनके पास भस्म आरती की परमिशन है.
कलेक्टर ने किया निरीक्षण
भस्म आरती के दौरान आज से श्रद्धालुओं के हाथों में रिस्टबैंड बांधकर उन्हें मंदिर में प्रवेश दिए जाने की व्यवस्था देखने के लिए कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने यह जाना कि यह नई व्यवस्था किस प्रकार की है और इस व्यवस्था के अंतर्गत आखिर काम कैसे होता है. पूरी व्यवस्था समझने के बाद अधिकारियों ने मुख्य द्वार पर पहुंचकर यह भी जाना की रिस्टबैंड पर किस प्रकार से श्रद्धालुओं की जानकारी प्रिंट की जा रही है. साथ ही क्यूआर कोड के माध्यम से किस प्रकार नई व्यवस्था के तहत काम किया जा रहा है.