कभी भी कोई खिलाड़ी खराब प्रदर्शन करता है या कोई खिलाड़ी किसी खास टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करता है तो सोशल मीडिया पर कई यूजर्स उन खिलाड़ियों के या टीमों के अकाउंट्स पर जाकर अपशब्दों की बारिश कर देते हैं, जिसको लेकर लंबे समय से एक्शन लिए जाने की मांग होती रही है.
न्यूजीलैंड के हाथों टीम इंडिया को टेस्ट सीरीज में 0-3 से करारी हार का सामना करना पड़ा. विराट कोहली-रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ी इस सीरीज में नाकाम रहे. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है और घटियां कमेंट्स किए जा रहे हैं. इसी तरह भारतीय महिला क्रिकेट टीम को टी20 वर्ल्ड कप के पहले राउंड में ही बाहर होने के बाद कई तरह के अपशब्दों का सामना करना पड़ा. कई तरह की कोशिशों के बाद भी ऐसी हरकतों पर लगाम नहीं लग पाई है लेकिन अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे खिलाड़ियों को इन सबसे राहत मिल पाएगी.
AI की मदद से लगेगी ट्रोलिंग पर लगाम
ईएसपीएन-क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आईसीसी ने एक टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ मिलकर खास साफ्टवेयर का सफल ट्रायल किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित ये सॉफ्टवेयर सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों, उनके पार्टनर या फिर टीमों के अकाउंट्स में किए जाने वाले नफरत भरे कमेंट्स की पहचान कर उन्हें डिलीट करता है. आईसीसी ने हाल ही में हुए महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान इसका सफल परीक्षण किया, जिसके चलते आने वाले वक्त में इसका दायरा फैलने की उम्मीद बढ़ गई है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ल्ड कप के दौरान करीब 60 खिलाड़ियों और 8 अलग-अलग टीमों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ‘गोबबल’ (GoBubble) कपंनी के इस AI टूल का ट्रायल किया गया. पूरे वर्ल्ड कप के दौरान इस टूल ने करीब 14,95,149 कमेंट्स को मॉनीटर किया, जिसमें से 2.71 लाख कमेंट्स में रेसिज्म, सेक्सिज्म, होमोफोबिया (समलैंगिकता से जुड़े नफरती कमेंट)और अन्य अलग-अलग तरह के गाली-गलौज पाए गए. आईसीसी ने इस फैसले के पीछे वजह बताई और कहा कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को क्रिकेट से जोड़ने के लक्ष्य के लिए ऐसा किया गया, ताकि वो ऑनलाइन घटिया टिप्पणियों से बच सकें.
कैसे काम करता है ये टूल?
इस टूल की खासियत ये है कि इसे अलग-अलग खिलाड़ियों या टीमों के हिसाब से कस्टमाइज किया जा सकता है. यानि किसी टीम या खिलाड़ी के लिए इस्तेमाल होने वाले खास तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा ये अंग्रेजी या अन्य भाषाओं में इस्तेमाल किए जाने वाली गालियों या नफरती शब्दों को पकड़ता है और फिर उन्हें डिलीट करता है या फिर उन्हें छुपा देता है.
सिर्फ बुरी और अमानजनक टिप्पणियां ही नहीं, बल्कि ये टूल बॉट अकाउंट्स से होने वाले कमेंट्स को भी छुपाता है, जिनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी या अन्य तरह के विज्ञापनों का प्रचार किया जाता है. आईसीसी ने फिलहाल इसे सिर्फ महिला क्रिकेट तक ही सीमित रखा है और कोई भी महिला क्रिकेटर या टीम आईसीसी से संपर्क कर इसका लाभ ले सकती है. आने वाले वक्त में इसे पुरुष क्रिकेटर्स के लिए भी उपलब्ध करानेल का लक्ष्य है.