रायपुर के स्कूलों में अब बजेगी पानी वाली घंटी:हर 2 क्लास के बाद टीचर-स्टूडेंट साथ पिएंगे पानी; हाइड्रेशन से बचने लिया फैसला

रायपुर जिला प्रशासन ने ‘बेल मिशन’ की शुरुआत की है। इस मिशन का कॉन्सेप्ट ये है कि क्लास के दौरान बच्चों को नियमित अंतराल पर पानी पीने के लिए प्रमोट किया जाएगा। अब तक स्कूल में शॉर्ट और लॉन्ग ब्रेक का सिस्टम चल रहा है। पर इन दोनों ब्रेक के बाद क्लासरूम में जैसे ही बच्चे पहुंचेंगे, एक और बेल बजेगी।

ये बेल खास तौर पर पानी पीने के लिए होगी। इस दौरान टीचर और स्टूडेंट दोनों ही साथ में पानी पिएंगे। टीचर्स की जिम्मेदारी होगी कि वो ये इनश्योर करें कि हर बच्चा पानी पिए। ये मॉडल इससे पहले एमपी और यूपी के स्कूलों में काफी सक्सेस रहा है। इन दो राज्यों के अलावा भी कुछ राज्यों के स्कूल ये मॉडल अपनाया गया है।

डिहाइड्रेशन से बचने मिशन स्टार्ट

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारती ने बताया कि बच्चे नॉर्मल ब्रेक के दौरान पानी पीना इग्नोर कर देते हैं। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या आती है। इसके अलावा कम पानी पीने से नींद आना, गैस की समस्या होना, पढ़ाई में मन लगना जैसे प्राब्लम भी देखी गई है।

इसलिए कलेक्टर गौरव सिंह के निर्देश पर जिले के सभी 1427 स्कूलों में बेल मिशन स्टार्ट कर दिया गया है। अब तक के रिस्पांस की बात करें तो टीचर्स और स्टूडेंट फिलहाल इसे एक डेली एक्टिविटी के तौर पर देख रहे हैं। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो एक्टिविटी के तौर ही सही लेकिन वाटर ड्रिंकिंग की हैबिट डेवलप होती है तो ये बहुत फायदेमंद होगी।

अब समझिए क्लास के दौरान कम पानी पीने से क्या समस्याएं होती हैं:

शारीरिक समस्याएं

  • सिरदर्द – शरीर में पानी की कमी से ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन सप्लाई पर असर पड़ता है।
  • थकान और कमजोरी – मांसपेशियां जल्दी थकने लगती हैं।
  • मुंह और होंठ सूखना – लार का उत्पादन कम हो जाता है।
  • चक्कर आना – खासकर अगर मौसम गर्म हो तो।
  • पसीने के बाद पानी की कमी – गर्मी में जल्दी डिहाइड्रेशन हो सकता है।

मानसिक और पढ़ाई पर असर

  • कॉन्सन्ट्रेशन​​​​​ कम होना – दिमाग को सही तरीके से काम करने के लिए पानी जरूरी है।
  • चिड़चिड़ापन – शरीर में पानी की कमी से मूड पर असर होता है।
  • याददाश्त पर असर – हाइड्रेशन कम होने से ब्रेन की प्रोसेसिंग स्लो हो जाती है।
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