राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने चित्रकूट में कहा कि धर्म-अधर्म की लड़ाई चल रही है. अब अपने देश को ठीक करना है. हम ईश्वर प्रदत्त अपना कर्तव्य अपना निभाएं, ये अपेक्षा है यानी धर्म के पक्ष में खड़े हो जाएं लेकिन ये होना है तो आचरण आना चाहिए.
उन्होंने कहा कि एक तरफ स्वार्थ का दैत्य उभरते भारत को दबाने का यानी सत्य को दबाने का प्रयास कर रहा है लेकिन वो कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि सत्य कभी दबता नहीं है, सत्य सिर में चढ़कर बोलता है और वही हो रहा है.
हमारी हस्ती नहीं मिटती क्योंकि…:- भागवत
संघ प्रमुख ने कहा कि हमारी हस्ती इसलिए भी नहीं मिटती क्योंकि उस हस्ती को हमारी ऋषि-संतों की परंपरा, ईश्वर निष्ठों की मंडली का आशीर्वाद प्राप्त है. भागवत ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया को प्रदान करना हिन्दू समाज और भारत का कर्तव्य है.
संघ प्रमुख ने कहा कि चित्रकूट आकर इस कार्यक्रम में शामिल होने से मेरा भी उद्देश्य सफल हुआ, संतो का आशीर्वाद मिला, व्याख्यान सुनने को मिला. अच्छा भोजन करने के बाद थोड़ा सा कड़वा चूर्ण खाने से हाजमा ठीक होता है. मेरे वक्तव्य को उसी चूर्ण की तरह समझें .
चित्रकूट के दो दिवसीय प्रवास पर भागवत
संघ प्रमुख अपने दो दिवसीय प्रवास पर बुधवार को चित्रकूट पहुंचे थे. वह मानस मर्मज्ञ बैकुंठवासी पंडित रामकिंकर उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए. कार्यक्रम में राष्ट्रीय संत और मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू समेत बड़ी संख्या में संत-महंत, कथावाचक एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित थे.