दिल्ली की एक अदालत में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है. याचिका में सोनिया गांधी के भारतीय नागरिक बनने से 3 साल पहले ही मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में FIR दर्ज करने की मांग की गई है.
राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने गुरुवार को कुछ देर तक मामले की सुनवाई की. उन्होंने कहा कि कोर्ट 10 सितंबर को इस मामले में दोबारा सुनवाई करेगी.
नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर आरोप लगाया गया कि भारतीय नागरिकता मिलने के तीन साल पहले ही उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल था. याचिका में कहा गया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया था, जबकि वह अप्रैल 1983 में भारत की नागरिक बनी थीं. वकील ने आरोप लगाया कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया, 1982 में हटा दिया गया और फिर 1983 में वापस शामिल किया गया.
वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे. वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है. इसलिए उन्होंने कोर्ट से सोनिया गांधी के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देने की अनुमति मांगी.
अगली सुनवाई 5 दिन बाद
सोनिया गांधी के खिलाफ वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी. इस मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया कर रहे थे. जानकारी के अनुसार अभी तक कांग्रेस नेता सोनिया गांधी या दिल्ली पुलिस को कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है.