जम्मू-कश्मीर पुलिस ने Whatsapp के जरिए देश की पहली ई-एफआईआर दर्ज की है. अभी तक आपको थाने जाकर या पुलिस के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करनी पड़ती थी, लेकिन अब आपको किसी भी सूरत में न तो थाने जाने की जरूरत होगी और ना ही लैपटॉप ओपन करके एफआईआर दर्ज करने की जरूरत होगी. दरअसल अब आप अपने मोबाइल में व्हाट्सएप ओपन करके आसानी से E-FIR दर्ज कर सकते हैं.
पहली ई-एफआईआर का मामला
इम्तियाज अहमद डार, जो कि जम्मू-कश्मीर राज्य सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर हैं, ने व्हाट्सएप के जरिए पुलिस को शिकायत भेजी. उनकी शिकायत के अनुसार, जब वे तराथपोरा से श्रीनगर जा रहे थे, तब विलगाम में आशिक हुसैन भट और गौहर अहमद भट नामक दो व्यक्तियों ने उन्हें रोका और उनके साथ मारपीट की.
शिकायत मिलने के बाद, पुलिस ने तुरंत बीएनएस की धारा 115(2) और 126(2) के तहत ई-एफआईआर दर्ज कर ली. यह पहली बार हुआ है कि बिना थाने गए ही शिकायत को आधिकारिक रूप दिया गया.
E-FIR का फायदा और नुकसान
आसान और त्वरित प्रक्रिया अब लोग अपनी शिकायतें डिजिटल माध्यमों, जैसे व्हाट्सएप, के जरिए दर्ज करा सकते हैं.
थाने जाने की जरूरत नहीं यह सुविधा खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के लिए उपयोगी साबित होगी.
पारदर्शिता और जवाबदेही डिजिटल रिकॉर्ड होने से पुलिस प्रणाली में भ्रष्टाचार कम होगा और लोगों का विश्वास बढ़ेगा.
कम समय में न्याय इससे अपराध दर्ज होने की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे मामलों की जांच जल्द शुरू हो सकेगी.
झूठी शिकायतों का खतरा डिजिटल माध्यमों के जरिए फर्जी मामले भी दर्ज हो सकते हैं.
तकनीकी समस्याएं इंटरनेट की उपलब्धता और साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करना जरूरी होगा.
Whatsapp पर E FIR से फायदा
अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है. इससे पुलिसिंग व्यवस्था और अधिक प्रभावी होगी तथा ई-गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा. जम्मू-कश्मीर में ई-एफआईआर प्रणाली की शुरुआत न्याय व्यवस्था को डिजिटल और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यदि इस प्रणाली को सही ढंग से लागू किया जाए, तो यह पूरे देश में पुलिसिंग का भविष्य बदल सकती है.