रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग के कोंस्टैंटिनोव्स्की पैलेस में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ बैठक की. बातचीत के दौरान पुतिन ने भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के विकास पर चर्चा की. साथ ही द्विपक्षीय संबंधों में सुरक्षा मुद्दों के महत्व पर जोर दिया. पुतिन ने इस क्षेत्र में संवाद बनाए रखने के लिए भारत का धन्यवाद दिया.
बता दें, यूक्रेन विवाद का समाधान खोजने के लिए नए सिरे से किए जा रहे प्रयासों के बीच NSA अजीत डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. ये मुलाकात ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-साउथ अफ्रीका) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन के दौरान हुई.
इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले महीने रूस के कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस आने का न्योता दिया. इसके साथ ही रूसी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान 22 अक्टूबर को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक का भी प्रस्ताव रखा. रूसी मीडिया ने पुतिन के हवाले से कहा कि हम अपने अच्छे दोस्त पीएम मोदी का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें शुभकामनाएं. इस पर NSA अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आभार व्यक्त किया.
⚡️BREAKING: 🇮🇳NSA Doval, per Modi's request, briefed 🇷🇺Putin on Indian PM's meet with Zelensky
Doval witnessed their conversation firsthand, the meeting was conducted in a closed format
Modi asked Doval to come in person and brief Russian president on the talks pic.twitter.com/hkTUY30zkz
— Sputnik India (@Sputnik_India) September 12, 2024
इससे पहले अजीत डोभाल ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु के साथ व्यापक बातचीत की और पारस्परिक हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. डोभाल और शोइगु के बीच बातचीत पर रूस में भारतीय दूतावास ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. डोभाल की रूस यात्रा पीएम मोदी द्वारा यूक्रेन की यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हुई है.
बता दें, ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध को समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए और भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए “सक्रिय भूमिका” निभाने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत संघर्ष की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है और वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से योगदान देना चाहेंगे.