अजमेर: एमडीएस यूनिवर्सिटी में NSUI का जोरदार प्रदर्शन,पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की…गेट पर चढ़कर की नारेबाजी

अजमेर..कुलपति बाहर पहुंचे और ज्ञापन लेकर जल्द मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया

अजमेर: में एनएसयूआई ने सोमवार को एमडीएस यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया. देहात जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में स्टूडेंट्स टायर जलाकर विरोध करते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस गए. कुलपति को बाहर बुलाने को लेकर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. कुछ देर बाद कुलपति बाहर पहुंचे और ज्ञापन लेकर जल्द मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. एनएसयूआई ने चेतावनी दी कि अगर मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा.

गेट पर चढ़कर नारेबाजी की

एनएसयूआई देहात जिला अध्यक्ष अंकित घारू के नेतृत्व में स्टूडेंट यूनिवर्सिटी के बाहर पहुंचे और टायर जलाकर हाथों में तख्तियां लेकर विरोध किया गया. कुछ देर के लिए मुख्य दरवाजे को बंद कर उस पर चढ़कर नारेबाजी की गई. प्रदर्शन करते हुए कुलपति भवन पहुंचे. इसके बाद कुलपति को बाहर बुलाने को लेकर धरना दिया. कुलपति के बाहर नहीं आने पर कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए. पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई। काफी देर बाद कुलपति प्रोफेस सुरेश चंद्र शर्मा बाहर आए. स्टूडेंट्स को अपनी विभिन्न मांगों का ज्ञापन दिया. कुलपति ने मामले में जांच कर जल्द मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. देहात जिला अध्यक्ष अंकित घारू ने कहा- अगर छात्र हितों में उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

इन मांगों को लेकर प्रदर्शन

हाल में यूनिवर्सिटी के एग्जाम रिजल्ट घोषित किए गए है. जिसमें अधिकतर छात्रों को शून्य मार्क्स दिए गए हैं. जिससे समस्त छात्र असंतुष्ट हैं, जिससे जाहिर होता है की एग्जाम रिजल्ट में कहीं ना कहीं अनियमित बरती गई है. परीक्षा परिणाम की निष्पक्ष जांच की जाए. यूनिवर्सिटी में जो सेमेस्टर सिस्टम शुरू किया गया उसे बंद किया जाए। इससे छात्रों पर भार बड़ा है. जो ग्रेजुएट 3 वर्ष में होती थी वह सेमेस्टर के चलते 5 से 6 वर्ष में हो रही है, जिससे अगर इन छात्रों को कंपटीशन की तैयारी करनी हो तो उन्हें काफी परेशानी से गुजरना पड़ेगा. यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर में डबल परीक्षा फीस ली जा रही है, उससे छात्रों पर आर्थिक भार बढ़ेगा। इसे तुरंत प्रभाव से एक वर्ष में एक बार ही ली जाए. यूनिवर्सिटी में परीक्षा परिणाम घोषित किए जाते हैं, जो तय समय से काफी देरी से घोषित होते हैं. जिससे छात्रों को काफी परेशानी उत्पन्न होती है.

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