नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत मंत्रालय को 3248 करोड़ रुपए का फाइनल डिविडेंड दिया है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गुरदीप सिंह ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर को यह लाभांश सौंपा। इस मौके पर एनटीपीसी के कई वरिष्ठ अधिकारी और बिजली सचिव पंकज अग्रवाल भी मौजूद रहे।
कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि 25 सितंबर 2025 को 3248 करोड़ रुपए का अंतिम लाभांश भुगतान किया गया, जो कंपनी के कुल शेयर पूंजी का 33.50 प्रतिशत है। एनटीपीसी पिछले 32 वर्षों से लगातार अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देती आ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 8,096 करोड़ रुपए का डिविडेंड शेयरधारकों को दिया गया, जो 10 रुपये फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 8.35 रुपये के बराबर है।
एनटीपीसी लगभग 84 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता रखती है और यह भारत की सबसे बड़ी बिजली कंपनी है। हाल ही में कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे भी घोषित किए। तिमाही के अनुसार एनटीपीसी का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 5.85 प्रतिशत बढ़कर 4,774 करोड़ रुपये हुआ, जबकि पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में मुनाफा 4,511 करोड़ रुपये था।
हालांकि, शुक्रवार को एनटीपीसी के शेयर में 0.68 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली और कारोबार समाप्ति पर यह 338.20 रुपए पर बंद हुआ। निवेशक अब अगले सोमवार को कंपनी के शेयर पर नजर बनाए हुए हैं, यह देखने के लिए कि डिविडेंड भुगतान के बाद शेयर का प्रदर्शन कैसा रहेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि फाइनल डिविडेंड का भुगतान आमतौर पर निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत माना जाता है, क्योंकि यह कंपनी की वित्तीय स्थिरता और मुनाफाखोरी की क्षमता को दर्शाता है। एनटीपीसी ने लगातार 32 वर्षों से लाभांश दिया है, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ है।
इस डिविडेंड के बाद एनटीपीसी के शेयर में संभावित तेजी निवेशकों की उम्मीदों को और बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों की नजर इस पर है कि सोमवार को बाजार में कंपनी के शेयर किस दिशा में जाएंगे और क्या निवेशकों को डिविडेंड से लाभ मिलेगा।