अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में घटी आतंकी हिंसा में मौतों की संख्या’: पुलिस के आंकड़े से खुलासा

श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में मौतों की संख्या में गिरावट आयी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार 5 अगस्त, 2019 (जिस दिन अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किया गया था) से लेकर 4 अगस्त, 2025 तक आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में 1 हजार 2 सौ 30 लोग मारे गए.

यह आंकड़ा, संवैधानिक परिवर्तन से पहले के छह वर्षों की तुलना में 33% गिरावट दर्शाता है. अनुच्छेद 370 हटाये जाने से पहले की संख्या में 243 नागरिक, 475 सुरक्षाकर्मी और 1,121 आतंकवादी मारे गए थे. इसके विपरीत, 2019 के बाद के आंकड़ों में 189 नागरिक, 204 सुरक्षाकर्मी, 833 आतंकवादी और चार ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जिनकी पहचान अभी तक पुष्ट नहीं हुई है.

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 2018 में पिछले दशक में आतंकवाद से जुड़ी सबसे ज़्यादा 452 लोगों की मौतें हुईं. जिनमें 86 आम नागरिक और 271 आतंकवादी शामिल थे. 2023 तक यह संख्या घटकर 134 और 2024 में 127 हो गयी. 2025 में अब तक 71 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें 28 आम नागरिक, 10 सुरक्षाकर्मी और 32 आतंकवादी शामिल हैं.

निरस्तीकरण से पहले, इस क्षेत्र में वार्षिक मौतें लगातार 170 से अधिक होती थीं. 2013 में 172 लोग मारे गए. इसके बाद 2014 में 189, 2015 में 175, 2016 में 267 और 2017 में 357 लोग मारे गए. इस अवधि के दौरान सुरक्षा बलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. विशेष रूप से 2016 और 2017 में, जब क्रमशः 88 और 83 कर्मी मारे गए.

निरस्तीकरण के तुरंत बाद के महीनों में, अगस्त से दिसंबर 2019 तक केवल 50 मौतें दर्ज की गईं. जो उस वर्ष के पहले सात महीनों में हुई 233 मौतों से काफी कम थीं. वर्ष 2020 में 321 मौतों के साथ एक संक्षिप्त वृद्धि देखी गई, जिसका मुख्य कारण तीव्र आतंकवाद-रोधी अभियान थे. जिनमें 232 आतंकवादी मारे गए. तब से, वार्षिक मृत्यु दर 275 से कम रही है. 2023 और 2024 में यह संख्या एक दशक से भी अधिक समय में सबसे कम दर्ज की गई है.

1 जनवरी 2013 से 4 अगस्त 2019 तक कुल हत्याएं

नागरिक: 243

सुरक्षा बल:475

आतंकवादी: 1121

कुल मिलाकर नागरिक मौतों में भी कमी आई है. 2023 में केवल 12 नागरिक मारे गए, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे कम वार्षिक संख्या है. 2024 में यह संख्या बढ़कर 31 हो गई. और इस वर्ष अब तक 28 नागरिक मारे जा चुके हैं. इनमें से 26 लोगों की मौत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में हुई थी. घटती संख्या के बावजूद, शीर्ष अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आतंकी खतरे की प्रकृति बदल गई है.

5 अगस्त 2019 से 4 अगस्त 2025 तक कुल हत्याएं

नागरिक: 189

सुरक्षा बल: 204

आतंकवादी: 833

अज्ञात: 4

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बार-बार कहा है कि इस क्षेत्र में आतंकवाद अब लगभग पूरी तरह से विदेशी आतंकवादियों द्वारा संचालित है. 29 जुलाई को लोकसभा में बोलते हुए, शाह ने कहा था कि अनुच्छेद 370 के खात्मे ने घरेलू आतंकवाद की जड़ें काट दी हैं.

 

 

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