Delhi Nursery Admission 2024-25 Full Process: क्या आप भी दिल्ली के किसी ‘ब्रांडेड’ या ‘टॉप’ के रूप में विख्यात स्कूल में अपने नौनिहाल का नर्सरी एडमिशन कराने की सोच रहे हैं? अगर इसका जवाब हां है तो समझ लीजिए आपके लिए ये किसी बड़ी जंग जीतने से कम नहीं है. सबसे पहली बात तो यह कि दिल्ली के सभी पब्लिक प्राइवेट स्कूलों में दाखिला सरकार की बनाई गाइडलाइंस पर होता है. दूसरी जरूरी बात यह है कि कुछ स्कूलों में दाखिले की इतनी मारामारी रहती है कि मनमाने स्कूल में बच्चे का दाखिला कराना आसान नहीं हो पाता.
आपको बता दें कि दूसरे राज्यों की तरह दिल्ली में माता-पिता जाकर आसानी से स्कूल नहीं चुन सकते हैं. इसके लिए एक पूरी तय प्रक्रिया से गुजरना होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि दिल्ली में नर्सरी एडमिशन का पूरा प्रोसेस क्या है.
ऐसे करना होगा आवेदन
यदि माता-पिता अपने बच्चों को प्रवेश स्तर की कक्षाओं में दाखिला दिलाना चाहते हैं, तो वे संबंधित स्कूल से या उनकी वेबसाइट से प्रवेश आवेदन पत्र खरीद सकते हैं. फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख 20 दिसंबर 2024 है. फॉर्म जमा करने के लिए अभिभावकों को 25 रुपये की फीस जमा करनी होगी. दाखिले से पहले स्कूलों को शॉर्टलिस्ट करें, उनकी वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त करें, एक्टिविटी, रिजल्ट और अन्य पहलुओं का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन करें. फिर, स्कूल का दौरा करें और वहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर, खेलकूद की सुविधाएं, क्लासरूम आदि को देखें. इस सबके बाद ही आवेदन करें. यदि आप स्कूल घर के पास चुनते हैं, तो न केवल एडमिशन के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि बच्चे के लिए घर के नजदीक स्कूल होने से यह ज्यादा सुविधाजनक होगा.
इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
– बच्चे का पासपोर्ट आकार का फोटो
– पैरेंट या गार्जियन का पासपोर्ट आकार का फोटो
– बच्चे के साथ पैरेंट्स का फैमिली फोटोग्राफ
– एड्रेस प्रूफ
– बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट
– बच्चे का आधार कार्ड
75 प्रतिशत जनरल सीटों पर होंगे एडमिशन
इस समय, केवल 75 प्रतिशत सीटों पर ही दाखिले होंगे. इसके बाद, जब सामान्य कैटेगरी के लिए 75 प्रतिशत सीटें पूरी तरह से भर जाएंगी, तब ही स्कूल अपनी बाकी बची हुई 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला प्रक्रिया शुरू करेंगे. शिक्षा निदेशालय इस संबंध में जल्द ही एक नोटिस जारी करेगा, जिसमें अधिक जानकारी प्रदान की जाएगी.
रिजर्व सीटें
प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), वंचित समूह (डीजी) के छात्रों और दिव्यांग बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं. इन श्रेणियों के लिए विशेष रूप से एक अलग सूची जारी की जाएगी.