श्योपुर : महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों व समूह माफिया की जुगलबंदी एवं साठगांठ से आंगनवाड़ी केंद्र में नाश्ता व पोषण आहार भोजन व्यवस्था में गड़बड़झाला चल रहा है.एक ओर जहां सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने व नौनिहालों को स्वस्थ तंदुरुस्त बनाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए खर्च कर आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से योजना चलाई जा रही है.
वहीं विभाग के ही अधिकारी समूह माफियाओं से साठगांठ कर सरकार की इस योजना को संबंधित अधिकारी पलीता लगाने में जुटे हैं.समूह माफिया भी आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले नौनिहालों हक मारकर सरकार की कल्याणकारी योजना का मखौल उड़ा रहे हैं।इस मामले की पोल तब खुली जब कराहल आदिवासी बस्ती में एसडीएम मनोज गढ़वाल और जनपद सीईओ सहित प्रशासन के अमले ने संक्रमण फैल रहे क्षेत्र का जायजा लिया.
जब मीडिया टीम ने आंगनवाड़ी केंद्र का जायजा लिया तब इस मामले की पोल खुली. आंगनवाड़ी केंद्र में मौजूद महिला कर्मचारी ने कहा कि बच्चों के लिए खाना 5-7 दिन से नहीं आया है. जो सच्चाई आई बह चौंकाने बाली थी.
महिला कर्मचारी ने मीडिया टीम को बताया समूह संचालक की मनमानी चल रही
श्योपुर जिले की आदिवासी बस्ती में मौजूद एक आंगनवाड़ी केंद्र पर जब मीडिया टीम ने हालात देखे तो पैरों तले जमीन खिसक गई. यहां पदस्थ कर्मचारी ने आखिर इस मामले की जानकारी महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को क्यों नहीं दी. इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती थी कि आखिर उन्होंने इस क्षेत्र का भ्रमण कर उक्त आंगनवाड़ी केंद्र का जायजा क्यों नहीं लिया. अगर कार्रवाई समझ संचालक और आंगनवाड़ी कर्मियों पर होगी तो महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर के खिलाफ उक्त कार्रवाई क्यों नहीं होगी. क्योंकि उनके अधीन में आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन होता है.
महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ बोले नोटिस जारी कर कार्रवाई होगी
सीडीपीओ नितिन मित्तल से जब मीडिया टीम ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुझे आज ही मिली है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा इस मामले की शिकायत दर्ज नहीं कराई. न ही सुपरवाइजर के द्वारा जानकारी मिली. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर को नोटिस जारी करेंगे और समूह को हटाने की भी कार्रवाई की जाएगी.