दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी का ताज अब ग्राफिक कार्ड बनाने वाली कंपनी Nvidia का हो चुका है. कंपनी के शेयर प्राइस में आई तेजी के बाद इसने बड़ी-बड़ी कंपनियों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) दुनिया में सबसे अधिक हो गया. लेकिन एनवीडिया इस मुकाम पर आखिर पहुंची कैसे? चलिए समझते हैं…
वैसे एनवीडिया ने करीब 4 महीने पहले ही एक और धांसू रिकॉर्ड बनाया था. फरवरी के महीने में भी कंपनी के शेयर प्राइस में एक दिन के अंदर 16% की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की गई थी. तब कंपनी का एमकैप एक ही दिन में 277 अरब डॉलर अधिक बढ़ गया था और उसका टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन 2 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया था. किसी कंपनी की वैल्यू में एक ही दिन में इतना इजाफा होने का ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
अब कितना हुआ Nvidia का एमकैप
Nvidia का शेयर प्राइस 136 डॉलर के मार्क तक पहुंच गया है. इस तरह इसके शेयर प्राइस में 3.5 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है. इसके बाद कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.34 ट्रिलियन डॉलर हो गया. अगर इसकी तुलना 2024 की शुरुआत से की जाए, तो कंपनी का एमकैप सिर्फ 2024 में ही दोगुना बढ़ चुका है.
एनवीडिया ने इस महीने की शुरुआत में ही एपल के मार्केट कैपिटलाइजेशन को पीछे छोड़ दिया था. अब वह माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे अधिक मूल्यवान कंपनी बन गई है.
एनवीडिया की अगर भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी से तुलना की जाए, तो रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 236.71 अरब डॉलर है. भारतीय मुद्रा में ये 19.75 ट्रिलियन रुपए होता है. वहीं ये दुनिया की 46वीं सबसे वैल्यूएबल कंपनी है.
8 साल में बदली Nvidia की तस्वीर
अगर आप Nvidia की बदलती तकदीर को देखना चाहते हैं, तो उसके बीते 8 साल के सफर को देखना होगा. करीब 8 साल पहले एनवीडिया के शेयर की वैल्यू उसके मौजूदा प्राइस के 1 प्रतिशत से भी कम थी. उसे ग्राफिक कार्ड बनाने वाली दूसरी कंपनी AMD से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता था. दोनों कंपनियों में जंग थी कि कौन बनाएगा दुनिया का बेहतरीन ग्राफिक कार्ड.
इसके बाद 2020 में बिटकॉइन माइनिंग का दौर शुरू हुआ. कुछ सालों के भीतर क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग फिर से बढ़ी है और ये एक बड़ी अपॉरच्युनिटी बनकर सामने आई है. वहीं ओपनएआई के चैटजीपीटी और अन्य जेनरेटिव एआई मॉड्यूल्स ने भी ग्राफिक्स कार्ड की डिमांड को बढ़ाया है. इन सभी ने एनवीडिया की सेल्स और डिमांड में चार चांद लगाए. इसका नतीजा है कि आज वह दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन चुकी है.