पुरी के गुंडीचा मंदिर में मंगलवार रात 9 बजे एक हादसा हो गया, जिसमें भगवान बलभद्र की मूर्ति सेवादारों पर गिर गई. इसमें 9 सेवादार घायल हो गए.
दरअसल, 8 जुलाई को रथयात्रा के आयोजन के बाद, गुंडीचा मंदिर में पहांडी विधि चल रही थी. सेवादार रथों पर से भगवान की मूर्तियां उतारकर मंदिर के अंदर ले जा रहे थे.
बलभद्र जी को उतारते समय सेवादार रथ के ढलान पर फिसल गए और मूर्ति उन पर गिर गई. इसमें 9 सेवादार घायल हो गए. 5 का इलाज अस्पताल में चल रहा है. मूर्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
Major tragedy averted ! 🙏
Atleast five Puri Jagannath temple priests injured while carrying Lord Balabhadra to the Gundicha temple from the Rath. Injured have been taken to hospital. While Lord Balabhadra was safely placed at his original position for remaining rituals pic.twitter.com/Zw2R3rhIxP
— Indrajit Kundu | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) July 9, 2024
एक घायल सेवक ने कहा कि मूर्ति से बंधी रस्सी जैसी सामग्री में कुछ समस्या के कारण यह दुर्घटना हुई. अस्पताल में भर्ती कराए गए दो लोगों को बाद में छुट्टी दे दी गई और वे अनुष्ठान में शामिल हो गए. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर चिंता जताई और घायल सेवकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
उन्होंने कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को तत्काल पुरी जाकर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया. उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा भी पुरी गईं. उन्होंने कहा कि हम आगे की कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे.
पुरी में रथयात्रा में भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ को खींचने के दौरान दम घुटने से एक श्रद्धालु की मौत हो गई थी. उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके अलावा भीड़ में घुटन के चलते 8 लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी. बाद में उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. ओडिशा सीएम मोहन चरण माझी ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपए और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है.
हादसे के तुरंत बाद भाई-बहन भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की पूजा-अर्चना फिर से शुरू हो गई तथा सभी मूर्तियों को गुंडीचा मंदिर के अंदर ले जाया गया, जिसे उनका जन्मस्थान माना जाता है. भगवान यहां 15 जुलाई तक रहेंगे. उसी दिन बहुड़ा जात्रा या वापसी उत्सव होगा. इसी दिन तीनों मूर्तियां श्रीमंदिर में वापस आ जाएंगी.