इंटर्नशिप सिर्फ सीखने का जरिया नहीं होती, बल्कि ये एक बड़ी जिम्मेदारियों को संभालने की पहली सीढ़ी भी होती है. हर बॉस अपने इंटर्न से उम्मीद करता है कि वो समय पर ऑफिस आए, अपने काम को गंभीरता से ले और पूरी लगन के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाए. हालांकि अक्सर देखा जाता है कि कई बार कंपनियों में मैनेजर इंटर्न्स पर जरूरत से ज्यादा काम का बोझ डाल देते हैं, खासकर जब वे अनपेड होते हैं. उन्हें उतना ही काम दिया जाता है जितना किसी नियमित कर्मचारी को, लेकिन बिना किसी मेहनताना या सुविधा के.
ऐसा ही एक मामला सामने आया जब एक इंटर्न ने एक जरूरी इवेंट से ठीक तीन दिन पहले ऑफिस आना छोड़ दिया. उसने अपने मैनेजर को एक विनम्र मैसेज किया, जिसमें लिखा था, सर, माफ कीजिए कि इतनी देर से बता रही हूं, लेकिन आज मैं ऑफिस नहीं आ सकूंगी. घर में इमरजेंसी है मम्मी-पापा दोनों बीमार हैं और मुझे उनका ख्याल रखना पड़ रहा है. अचानक से छुट्टी लेने के लिए मैं माफी चाहती हूं य मैं कोशिश करूंगी कि आज ही आपको मॉर्फ्ड रनवे वीडियो भेज दूं.
इस पर मैनेजर का जवाब कुछ सख्त लहजे में था: जब आप किसी संस्था में इंटर्नशिप करते हैं, तो यह आपकी जिम्मेदारी होती है कि आप अपने काम को अच्छे से करें ताकि आने वाले समय में आपको जिम्मेदारियां दी जा सके. इस तरह न आना आपकी गंभीरता पर सवाल उठाता है. खैर, ये आपका फैसला है इंटर्न ने फिर माफी मांगते हुए कहा, मैं सच में बहुत माफ़ी चाहती हूं सर… अगर ये हालात न होते तो मैं जरूर आती. मुझे पता है कि यह सप्ताह इवेंट के लिए बेहद अहम है. मैं कल अपने टाइम से आने की कोशिश करूंगी.
इस पूरी बातचीत का स्क्रीनशॉट इंटर्न की एक दोस्त ने रेडिट पर शेयर किया, जिसमें उसने मैनेजर के व्यवहार को कठोर बताया. उसने लिखा कि एक अनपेड इंटर्न से इतना सारा काम करवाना और फिर भी उन्हें इमरजेंसी में छुट्टी न देना वाकई नाइंसाफी है. इसके वायरल होते ही कई लोगों ने इस पर कमेंट कर अपनी राय दी. एक यूजर ने लिखा कि अगर इंटर्न के न आने से पूरा काम रुक जाता है, तो उन्हें इंटर्न नहीं फुल-टाइम स्टाफ बना देना चाहिए. वहीं दूसरे ने लिखा कि इतना काम करवा रहे हो कम से कम स्टाइपेंड तो दो! एक अन्य ने लिखा कि मरजेंसी में छुट्टी देना हक़ है चाहे वो इंटर्न हो या कर्मचारी
पोस्ट पर कई लोगों ने अपनी राय दी. एक यूजर ने कहा, अगर इंटर्न के न आने से पूरा काम रुक जाता है, तो उन्हें इंटर्न नहीं, फुल-टाइम स्टाफ रखना चाहिए. दूसरे ने लिखा, कम से कम स्टाइपेंड तो दो! वहीं तीसरे ने कहा, इमरजेंसी में छुट्टी देना हक़ है चाहे वो इंटर्न हो या कर्मचारी.