स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से नए GST रिफॉर्म लाने की बात कही. उन्होंने ऐलान किया कि दिवाली पर नया जीएसटी सुधार लागू होगा. इस बीच, खबर आई है कि केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) ढांचे में व्यापक सुधार का प्रस्ताव रखा है, जिसका लक्ष्य GST में सुधार करके टैक्स सिस्टम को आसान बनाना है.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव में ज्यादातर वस्तुओं को दो मुख्य स्लैब – 5% और 18% के तहत रखने का सुझाव दिया गया है, जबकि तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग जैसी कुछ वस्तुओं पर 40% की भारी टैक्स रेट लगाने का प्रस्ताव है.
अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह 2017 में GST लागू होने के बाद से सबसे बड़ा संशोधन होगा. इस सुधार का उद्देश्य GST नियमों को आसान बनाना, परिवारों और व्यवसायों के लिए लागत कम करना और मौजूदा स्ट्रक्चर से विसंगतियों को दूर करना है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परिवारों पर बोझ कम करने और किसानों, महिलाओं, छात्रों और मिडिल क्लास को सहारा देने के लिए टैक्स रेट्स को युक्तिसंगत बनाना मुख्य प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया है.
GST रेट्स में बड़ा बदलाव
करीब सभी प्रोडक्ट्स जिनपर अभी 12% टैक्स लगता है को 5 फीसदी पर लाने की उम्मीद है. इसी तरह, 28 फीसदी के तहत आने वाले सभी उत्पादों को 18% टैक्स के तहत शामिल करने का प्रस्ताव है. इसमें TV, AC, रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन जैसी चीजें पर टैक्स 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो सकता है. इससे मिडिल क्लास को बड़ा लाभ मिलेगा.
फूड, दवाइयां, शिक्षा और बुनियादी जरूरत की वस्तुओं जैसी जरूरी कैटेगरी पर टैक्स छूट या केवल 5% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. एग्रीकल्चर सेक्टर में, स्प्रिंकलर और कृषि मशीनरी जैसे उपकरणों पर GST 12% से घटकर 5% हो सकता है. बीमा सेवाओं पर भी 18% से भारी कटौती होकर 5% या शून्य भी हो सकती है, जबकि मेडिकल प्रोडक्ट्स और दवाओं पर स्वास्थ्य सेवा की सामर्थ्य बढ़ाने के लिए कम दरें लागू होने की उम्मीद है. इसके अलावा, तंबाकू उत्पाद और ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स 40 फीसदी तक लागू हो सकता है.
किन चीजों को जीएसटी से छूट
पेट्रोलियम उत्पाद, पहले की तरह, GST व्यवस्था से बाहर रहेंगे. हीरे (0.25%) और सोना या चांदी जैसी धातुओं पर 3 फीसदी टैक्स अपरिवर्तित रहेंगी. इस बीच, कपड़ा और उर्वरकों के लिए सुधार का प्रस्ताव किया गया है.
केंद्र सरकार का कदम
केंद्र ने दरों को तर्कसंगत बनाने, मुआवजा देने और बीमा पर तीन मंत्रिसमूहों (GOM) को अपना प्रस्ताव भेजा है. उनकी समीक्षा के बाद, सिफारिशें जीएसटी काउंसिल को भेजी जाएंगी, जिसके पास योजना को मंज़ूरी देने, बदलने या अस्वीकार करने का अधिकार है. विचार-विमर्श के आधार पर काउंसिल सितंबर या अक्टूबर की शुरुआत में इस मामले पर विचार कर सकती है.