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चोरी के शक में महिला और उसकी 3 बेटियों के चेहरे पर कालिख पोत घुमाया, गले में तख्ती लटकाकर लिखा-मैं चोर हूं 

पंजाब के लुधियाना के बहादुरके रोड स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में एक महिला और उसकी तीन बेटियों को चोरी के शक में उनके चेहरे पर कालिख पोतकर परेड करवाई गई. उनके गले में तख्तियां लटकाई गईं, जिन पर लिखा था, ‘मैं चोर हूं.’ एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिलाओं को इस संदेह में ‘सजा’ दी गई कि उन्होंने जिस फैक्ट्री में काम किया था, वहां से कपड़े चुराए थे. पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री के मालिक, उसके मैनेजर और घटना का वीडियो बनाने वाले एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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‘मैं चोर हूं, मैं अपनी गलती स्वीकार करती हूं’

आरोपियों ने महिलाओं को फैक्ट्री कैंपस में बंधक बनाकर रखा, उनके चेहरे पर कालिख पोत दी और उन्हें तख्तियां पहना दीं, जिन पर लिखा था, ‘मैं चोर हूं. मैं अपनी गलती स्वीकार करती हूं.’ पुलिस ने घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामला दर्ज किया.

वीडियो वायरल करने वाले गिरफ्तार

सहायक पुलिस आयुक्त दविंदर चौधरी ने बताया कि फैक्ट्री मालिक परविंदर सिंह, मैनेजर मनप्रीत सिंह और मुहम्मद कैश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. तीनों ने इस घटना को अंजाम देकर वीडियो बनाकर वायरल किया था. पुलिस ने बताया कि होजरी फैक्ट्री के मालिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ‘तालिबानी सजा’ बताया

इस बीच पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कंवरदीप सिंह ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे ‘तालिबानी सजा’ बताया. सिंह ने इस कृत्य को बच्चों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया और पुलिस आयुक्त को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया.

मामले की गंभीरता को देखते हुए चेयरमैन ने लुधियाना के पुलिस कमिश्नर को बाल श्रम (रोकथाम एवं विनियमन) अधिनियम, 2015 की धारा 75 और 79 के साथ-साथ बाल श्रम (रोकथाम एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 और भारतीय दंड संहिता, 2023 की संबंधित धाराओं के तहत तुरंत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है.

आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘अध्यक्ष ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है और पुलिस कमिश्नर को 23 जनवरी, 2025 तक की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.’

सिंह ने लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर को फैक्ट्री मालिक और अन्य के खिलाफ बाल श्रम (रोकथाम एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत कार्रवाई करने और सात दिनों के भीतर उन्हें इसकी जानकारी देने का भी निर्देश दिया. पंजाब राज्य महिला आयोग ने भी घटना का संज्ञान लिया और जिला अधिकारियों को मामले में सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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