उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 18 फरवरी को एक 10 साल के बच्चे की हत्या की खबर सामने आई. बच्चे का शव तालाब में मिला था, जिसके बाद बच्चे के पिता ने पुलिस में केस दर्ज कराया. बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुष्टि की गई कि बच्चे की हत्या ही की गई है. अब पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बच्चे की हत्या की.
सलोन कोतवाली क्षेत्र के राजा का पुरवा मजरे समसपुर खालसा के रहने वाले राकेश कुमार ने अपने 10 साल के बच्चे सुधीर गौतम की हत्या की जानकारी पुलिस को दी थी. इसके बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुटी. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बच्चे की हत्या एक गुरु-चेले ने की थी. युवक ने गड़े हुए धन को हासिल करने और अपनी मां की तबीयत ठीक करने के लालच में 10 साल के मासूम की बलि दे दी, जो बच्चे का दूर का रिश्तेदार है और सलोन कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मदाबाद में रहने वाला है.
10 साल के बच्चे की दे दी बलि
अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस मामले की छानबीन में जुटी और मोहम्मदाबाद के रहने वाले सुधीर के दूर के रिश्तेदार दिलबाग गौतम तक पहुंची और उसके साथ एक गुड्डू बाबा को भी गिरफ्तार किया. दोनों ने मिलकर बच्चे की बलि दी थी, जिनके पास से वारदात में इस्तेमाल हथियार भी बरामद किया गया.
बाबा ने बताया था समाधान
गिरफ्तारी के बाद दिलबाग गौतम से पूछताछ की गई. दिलबाग ने पूछताछ में बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब रहती है. वह अपनी मां की तबीयत ठीक करने के उपाय के लिए तांत्रिक गुड्डू बाबा के पास गया. गुड्डू बाबा ने मां की तबीयत ठीक करने के लिए उसे एक नाबालिग लड़के की बलि देने का समाधान बताया. इसके साथ कहा कि बच्चे की बलि देने के बाद उसे गड़ा धन प्राप्त होगा.
घर से उठाकर ले गया था आरोपी
फिर क्या था दिलबाग बच्चे की तलाश में जुट गया और 18 फरवरी को राकेश के बेटे को उठाकर बाबा के पास ले गया, जहां बाबा ने धारदार हथियार से वार कर बच्चे की हत्या कर दी और शव को तालाब में फेंक दिया. फिर दोनों वापस चले गए. अगले दिन तक जब बच्चा नहीं मिला तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और मामले का खुलासा हुआ.