हैदराबाद: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार 3 अक्टूबर से हो चुकी है. आज तीसरा दिन है. नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के हर दिन शक्ति स्वरूपा के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है. इसी सिलसिले में आज शनिवार को नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा का विधान है.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के मुताबिक मां चंद्रघंटा को बहादुरी और योद्धा का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में आज मां की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाए तो मां पराक्रम का आशीर्वाद देती हैं. उन्होंने कहा कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा के मंत्रों का जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की परंपरा है. इसके साथ-साथ अखंड ज्योति और कन्या पूजन भी किया जाता है.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां के इस स्वरूप की पूजा करने से तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती है. आइये जानते हैं.
कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं मां चंद्रघंटा
नवरात्रि की तृतीया तिथि यानी तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित है. यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है. इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश किया था. नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है. इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
मां को लगाएं यह भोग
उन्होंने बताया कि तृतीया तिथि यानी तीसरे दिन माता दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप को दूध का भोग लगाएं. इससे दुखों से मुक्ति मिलती है.
इन मंत्रों का करें जप
नवरात्रि के दिनों में ‘ॐ श्रीं ॐ’ का जप करें.
विद्यार्थियों के लिए
नवरात्रि 2024 के दिनों में खीर की 21 या 51 आहुति गायत्री मंत्र बोलते हुए दें. इससे विद्यार्थी को बड़ा लाभ होगा.