रूस-यूक्रेन के बीच तीन साल की जंग में यूक्रेनी शहरों में भयंकर तबाही देखी गई. रूसी सेना ने यूक्रेन के अंदर घुसकर अंधाधुन बम बरसाए, लेकिन यूक्रेन की तरफ से रविवार को किया गया हमला पुतिन प्रशासन के लिए बड़ा नुकसानदेह साबित हुआ है. यूक्रेन ने बड़ी ही चालाकी से रूस के एयरबेस पर हमला बोल दिया, और बम बरसाने वाले विमानों को तबाह कर दिया. इस हमले की प्लानिंग एक-डेढ़ साल में की गई, और फिर सटीकता से इसे अंजाम दिया गया.
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने रूस के चार अलग-अलग एयरबेस पर हमला किया है, जिसमें 41 भारी रूसी बॉम्बर्स विमानों को निशाना बनाया गया. यूक्रेन की मीडिया संस्थानों में एक The Kyiv Independent ने सुरक्षा सेवा के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.
ऑपरेशन “web” के तहत रूसी एयरबेस को बनाया गया निशाना
रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन का नाम “वेब (web)” रखा गया था और इस योजना को बनाने में डेढ़ साल का समय लगा. इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए यूक्रेन ने फर्स्ट-पर्सन-व्यू (fpv) ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिन्हें ट्रकों में बने लकड़ी के मोबाइल केबिन्स में छिपा कर रूस के अंदर भेजा गया था. रिपोर्ट में बताया गया है, “जब सही समय आया, तो उन केबिन्स की छतें रिमोट से खोली गईं और ड्रोन सीधे रूसी बॉम्बर्स विमानों को निशाना बनाने के लिए उड़ गए.”
ड्रोन हमलों में रूस के चार एयरबेस को टारगेट किया गया:
बेलाया एयरबेस, इरकुत्स्क ओब्लास्ट (यूक्रेन से 4000 किमी दूर)
ओलेन्या एयरबेस, मुरमांस्क ओब्लास्ट
डियाघिलेव एयरबेस, रियाजान ओब्लास्ट
इवानोवो एयरबेस, इवानोवो ओब्लास्ट
SBU के मुताबिक, ड्रोन हमलों में तबाह हुए रूस के A-50, Tu-95 और Tu-22 M3 जैसे प्रमुख बॉम्बर्स विमान शामिल हैं, जो अक्सर यूक्रेनी शहरों पर मिसाइलें दागते हैं. हमले से हुए नुकसान की पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन SBU द्वारा साझा किए गए वीडियो में एक एयरबेस पर कई बॉम्बर्स विमानों को जलते हुए देखा जा सकता है.
ट्रक में तैनात किया गया ड्रोन, एयरबेस पर किया सटीक हमला
सोशल मीडिया पर भी कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिनमें ड्रोन को ट्रकों से उड़ते हुए देखा गया. रूसी शहर इरकुत्स्क के गवर्नर इगोर कोबजेव ने भी “स्रेदनी गांव की एक सैन्य इकाई पर ड्रोन हमले” की पुष्टि की और बताया कि इन ड्रोन का सोर्स एक ट्रक था. अन्य रूसी शहर मुरमांस्क के गवर्नर आंद्रेई चिबिस ने भी हमलों की पुष्टि की.
यूक्रेन को लंबे समय से रूसी बॉम्बर्स विमानों को निशाना बनाने में मुश्किल हो रही थी, क्योंकि रूस इन विमानों को उन जगहों पर रखता है जहां तक यूक्रेनी मिसाइलें या हथियार नहीं पहुंच सकते, लेकिन इस ऑपरेशन ने डिस्टेंस के उस शील्ड को भी तोड़ दिया और एक ही झटके में रूस को बड़ा नुकसान पहुंचाया.
कुछ सौ डॉलर खर्च कर रूस को अरबों डॉलर का पहुंचाया नुकसान
मसलन, यूक्रेनी हमले कम लागत में बड़ा असर डालने वाला माना जा रहा है. FPV ड्रोन की कीमत कुछ सौ डॉलर होती है, जबकि 41 भारी बॉम्बर्स विमानों की कुल कीमत अरबों डॉलर में आंकी जा रही है
लोकल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑपरेशन के पीछे जो लोग हैं, वे अब भी यूक्रेन में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है, “अगर पुतिन सरकार किसी को पकड़ती है, तो वो सिर्फ अपने देश की जनता को दिखाने के लिए एक नाटक होगा.” इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और SBU प्रमुख वासिल मल्युक ने खुद की थी.
गौरतलब है कि, मार्च में यूक्रेन ने 3000 किलोमीटर की रेंज वाला एक नया ड्रोन बनाने का ऐलान किया था, लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी. SBU का कहना है कि उनके ड्रोन उन विमानों पर निशाना साध रहे हैं, जो हर रात यूक्रेनी शहरों पर बम गिराते हैं. इस ऑपरेशन से यह साफ हो गया है कि ड्रोन वॉरफेयर का तरीका तेजी से बदल रहा है, और यूक्रेन अब रूस के भीतर तक हमला करने की क्षमता रखता है.