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एक फैसला और बाहर खड़े हो गए रोते-बिलखते 300 बच्चे… स्कूल की ये कैसी दादागिरी?

चोरी और फिर सीना जोरी… यह कहावत मध्य प्रदेश के जबलपुर के निजी स्कूलों पर सटीक बैठ रही है. मनमानी फीस वृद्धि, किताबें, कॉपी और यूनिफॉर्म के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाने वाले प्राइवेट स्कूल अब बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रताड़ित करने पर आमादा हैं. इसकी वजह है प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों पर की गई कार्यवाही. अब प्राइवेट स्कूल संचालक प्रशासन से बदला तो नहीं ले सकते इसलिए बच्चों और उनके पेरेंट्स को तरह-तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं. कुल मिलाकर स्कूल प्रबंधन अब प्रशासन को चैलेंज करते नजर आ रहे हैं.

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ताजा मामला प्रशासन की कार्यवाही की चपेट में आए जबलपुर के गौरीघाट रोड पोलिपाथर स्थित सेंट अलॉयसियस स्कूल का है, जिसने पेरेंट्स और बच्चों को परेशान करने के लिए नियमों को और सख्त कर दिया है. सुबह की शिफ्ट में पढ़ने वाले बच्चों को 7:20 पर स्कूल पहुंचना जरूरी कर दिया गया. अगर कोई बच्चा एक मिनिट भी देर से पहुंचता है तो उसके लिए स्कूल के गेट बंद हो जाते हैं.

300 से ज्यादा बच्चे हुए लेट

सुबह 300 से ज्यादा बच्चों के लेट होने के कारण उन्हें स्कूल परिसर में ही खड़ा रहना पड़ा. जानकारी के मुताबिक स्कूल प्रबंधन ने एक दिन पहले यानी की रात 10 बजे पेरेंट्स के मोबाइल पर एक मैसेज भेजा कि सुबह 7:20 पर स्कूल के गेट बंद हो जाएंगे. लेट आने वाले छात्रों को प्रवेश नहीं मिलेगा. सुबह जब इतनी बड़ी संख्या में बच्चे लेट पहुंचे तो उन्हें बाहर कर दिया गया. इनमें से कई बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ पहुंचे थे तो कई स्कूल वैन, ऑटो और बस से पहुंचे थे. स्कूल प्रबंधन ने मेन गेट तो खुला रखा लेकिन स्कूल बिल्डिंग का चैनल गेट बंद कर दिया जिससे करीब एक घंटे तक स्कूल के बच्चे और अभिभावक परेशान होते रहे. यहां तक की नर्सरी क्लास के बच्चों को भी बाहर खड़े होकर रोते देखा गया.

गुस्साए अभिभावकों ने की शिकायत

कई बच्चों के पेरेंट्स उन्हें छोड़कर जा चुके थे और वो बच्चे बाकी पेरेंट्स से फोन लेकर अपने माता पिता से बात करते नजर आए, मौके पर मौजूद अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया जिसके बाद करीब एक घंटे बाद स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को प्रवेश तो दे दिया लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी कि कल से प्रवेश नहीं मिलेगा. एक अभिभावक ने बताया कि उनकी बेटी को लेट होने पर नीचे बिठाया गया था जिससे अब वह स्कूल जाने से भी डर रही है. स्कूल प्रबंधन की इस हठधर्मिता के कारण पेरेंट्स आक्रोशित हैं और उन्होंने सीधे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर स्कूल की शिकायत की है, जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल प्रबंधन की तमाम शिकायतें सुनने के बाद पेरेंट्स को आश्वासन दिया है कि सभी स्कूलों के प्राचार्य को बुलाकर उन्हें समझाया जाएगा. अगर, फिर भी बात नहीं मानी तो उन पर कार्यवाही की जाएगी.

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