वंदे भारत ट्रेन में फिर शुरू होगी एक लीटर पानी की बोतल, रेलवे ने किया अनोखा फैसला

वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों को अब 500 मिली की बजाय एक लीटर पानी की बोतल दी जाएगी। इस फैसले से यात्रियों में सवाल उठने लगे हैं क्योंकि पहले रेलवे ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए 500 मिली की बोतल व्यवस्था लागू की थी। दिसंबर 2023 से यह नई व्यवस्था लागू की गई थी। उस समय कहा गया था कि यात्रियों द्वारा पूरी बोतल का उपयोग नहीं होने से पानी बर्बाद होता है।

मुख्य अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि अब सर्दी के मौसम में एक लीटर बोतल देने का निर्णय लिया गया है। इस समय यात्रियों की पानी की खपत कम होती है और कई लोग आधी बोतल या उससे भी कम पीते हैं। बचे हुए पानी को ट्रेन में छोड़ दिया जाता है, जिससे बर्बादी होती है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि नई व्यवस्था धीरे-धीरे देशभर में चल रहीं सभी वंदे भारत ट्रेनों में लागू की जाएगी।

रेलवे का यह कदम खर्च बचाने की नीति से भी जुड़ा है। अधिकतर वंदे भारत ट्रेनों में खानपान की व्यवस्था ठेकेदारों के माध्यम से होती है। ठेकेदार यात्रियों को भोजन प्रदान करते हैं और जरूरत पड़ने पर आईआरसीटी के अधिकृत रेल नीर सप्लायर से पानी की बोतलें लेते हैं। एक लीटर की 12 बोतलों का कार्टन थोक में 126 रुपये का आता है, जबकि 500 मिली की 24 बोतलों का कार्टन 162 रुपये का पड़ता है। इस प्रकार, एक लीटर बोतल देने से आईआरसीटीसी द्वारा ठेकेदार को भुगतान कम होगा और रेलवे का खर्च घटेगा।

रेलवे बोर्ड ने यह निर्णय यात्रियों की सुविधा और फीडबैक को ध्यान में रखकर लिया है। सर्दी में पानी की खपत कम होने के बावजूद, गर्मियों में इसकी आवश्यकता बढ़ेगी। अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि अगर बोतल में पानी बचा है तो उसे ट्रेन में न छोड़ें, बल्कि अपने साथ ले जाएं। इससे पानी की बर्बादी रोकी जा सकेगी और बचा पानी बाद में उपयोग में लाया जा सकेगा।

देशभर में 76 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है, जिनमें प्रतिदिन 80 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। इन ट्रेनों में प्रतिदिन लगभग एक लाख लीटर पानी की खपत होती है। नई व्यवस्था के साथ यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी और खर्च की बचत भी सुनिश्चित होगी।

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