जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इन दिनों गुजरात दौरे पर हैं. उन्होंने अहमदाबाद और गांधीनगर में आयोजित ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (TTF) में हिस्सा लिया. दौरे का उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना है. उन्होंने साबरमती रिवरफ्रंट पर सुबह की दौड़ लगाते हुए कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं.
उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, “अहमदाबाद में एक पर्यटन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान मैंने यहां होने का फायदा उठाते हुए अपनी सुबह की दौड़ मशहूर साबरमती रिवरफ्रंट पर पूरी की. यह दौड़ने के लिए सबसे शानदार जगहों में से एक है और इतनी बड़ी संख्या में वॉकरों और धावकों के साथ इसे साझा करना सुखद रहा. मैं यहां की अद्भुत अटल फुट ब्रिज के पास से भी दौड़ा.”
उमर अब्दुल्ला के इस ट्वीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “कश्मीर से केवड़िया तक! यह देखकर अच्छा लगा कि उमर अब्दुल्ला जी ने साबरमती रिवरफ्रंट पर दौड़ का आनंद लिया और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया. उनका यह दौरा एकता का महत्वपूर्ण संदेश देता है और हमारे देशवासियों को भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करने के लिए प्रेरित करेगा.”
पर्यटन को बढ़ावा देने गुजरात पहुंचे उमर अब्दुल्ला
बता दें कि उमर अब्दुल्ला गुजरात दौरे पर जम्मू-कश्मीर पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहुंचे हैं. उन्होंने ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (TTF) में हिस्सा लिया और गांधीनगर में पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात, घरेलू पर्यटन के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण राज्य हैं और “हम सिर्फ यही संदेश लेकर आए हैं कि जम्मू-कश्मीर पर्यटन के लिए पूरी तरह खुला है. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से उनकी मुलाकात हुई, जो स्वयं हाल ही में कश्मीर का दौरा कर चुके हैं.”
पहलगाम आतंकी हमले के बाद टूरिज्म पर असर और सुधार
उमर अब्दुल्ला ने स्वीकार किया कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले से पर्यटन पर असर पड़ा था, लेकिन अब हालात में सुधार है. उन्होंने कहा, “हम यह नहीं कह सकते कि हमले का कोई असर नहीं पड़ा. हम सब जानते हैं कि हमले के बाद श्रीनगर एयरपोर्ट पर उड़ानों की संख्या में गिरावट आई. जहां पहले प्रतिदिन 50 से अधिक फ्लाइट्स आती थीं, वह घटकर 15 रह गई थीं. लेकिन अब यह संख्या धीरे-धीरे 30 के करीब पहुंच रही है.”
उन्होंने बताया कि अमरनाथ यात्रा इस समय सुचारू रूप से चल रही है और अब तक लगभग साढ़े तीन लाख श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं. माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए भी लाखों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे हैं.
सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा जताया
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को सुरक्षाबलों ने पहाड़ों और जंगलों में ढूंढकर मार गिराया. उन्होंने बताया, “यह हमला ऐसे क्षेत्र में हुआ जो टूरिस्ट ज़ोन नहीं है, इसलिए सीधे तौर पर किसी पर्यटक पर खतरा नहीं था. हमारी सुरक्षा एजेंसियां बहुत सक्षम हैं और लगातार सक्रिय भी.”
कुछ पर्यटन स्थलों को बंद रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा की समीक्षा के बाद उन्हें चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है.
राजनीतिक संकेत भी दिए
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और गुजरात का ऐतिहासिक संबंध रहा है. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि टूरिस्ट सिर्फ एक बार नहीं, बार-बार जम्मू-कश्मीर आएं. हम स्थानीय पर्यटन संस्थाओं के साथ मिलकर अनुभव और भी बेहतर बनाना चाहते हैं. देश में अन्य जगहों पर जहां रियासतें थीं, उन्हें केंद्र शासित प्रदेश (UT) बनाया गया. लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य से UT बनाया गया, यह हमारे लिए एक पीड़ादायक राजनीतिक परिवर्तन है. हम चाहते हैं कि राज्य का दर्जा बहाल हो.”