नवरात्रि शुरू होने से पहले ही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के गरबा कार्यक्रमों को लेकर दिए गए बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. VHP ने आयोजकों को सलाह दी है कि केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाए और पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड चेक किए जाएं. इस पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने सख्त आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आह्वान से समाज में हिंसा फैल सकती है और त्योहार का माहौल खराब हो सकता है.
विश्व हिंदू परिषद शनिवार को बयान जारी किया था, जिसमें आयोजकों से कहा गया था कि गरबा कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को ही आने दिया जाए. साथ ही यह भी कहा गया कि लव जिहाद जैसी घटनाओं से बचने के लिए आधार कार्ड की जांच होनी चाहिए. VHP ने कहा कि लव जिहाद जैसी घटनाएं न हों पाए इसलिए गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाना आवश्यक है.
गरबा-डांडिया कार्यक्रमों पर नया विवाद
नवरात्रि का त्योहार 22 सितंबर से शुरू हो रहा है और यह 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई नवरात्रि मंडलों में इस बार बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने गरबा और डांडिया कार्यक्रमों के आयोजकों से कहा है कि पंडालों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाए. संगठनों ने आयोजकों को कुछ नियम बताए हैं, जिसमें गरबा में आने वाले युवाओं से आधार कार्ड दिखाने को कहा जाए, प्रवेश से पहले सभी को तिलक लगवाकर देवी की पूजा करनी होगी, पंडाल के गेट पर वराह अवतार की तस्वीर रखी जाए और पूजा करने के बाद ही प्रवेश दिया जाना शामिल है.
VHP और बजरंग दल का आरोप
मुंबई के मालाड वेस्ट के डायमंड मार्किट के नवरात्रि उत्सव मंडल ने इस साल पूरे प्रांगण में ऐसे पोस्टर्स और बैनर्स लगाए है, जिसमें मुस्लिमों के बैन, लव जिहाद और हिन्दू वाहिनी के मैसेजेस लिखे हुए है. इन पोस्टर्स में साफ लिखा गया है कि लव जिहाद करने वाले मुस्लिमों की एंट्री बैन है, जो भी गरबा प्रेमी गरबा खेलने इस पंडाल में आएगा उसे एक तिलक लगाया जाएगा, मुख्यद्वार पर इस तिलक को गौमूत्र के साथ चंदन और कुमकुम में मिलाकर बनाया जाएगा. बजरंग दल और विहिप का आरोप है कि गैर हिंदू खासकर मुस्लिम युवक नकली नाम से गरबा में आते हैं और हिंदू लड़कियों से दोस्ती कर उन्हें लव जिहाद के जाल में फंसाते हैं.
पकड़े जाने पर पुलिस को सौंपा जाएगा
संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई मुस्लिम युवक गरबा में पकड़ा गया तो उसे तुरंत पुलिस को सौंपा जाएगा. गरबा नवरात्रि पंडाल के आसपास मटन और मीट की दुकानों को बंद रखने की मांग भी की है और कहा है कि मीट की दुकानें जबरन बंद कराएंगे.
विपक्षी दलों का विरोध
जहां कुछ लोग इन नियमों का समर्थन कर रहे हैं वहीं विपक्षी दलों और समाज के एक हिस्से ने इसे भेदभाव और विभाजन की राजनीति बताया है, उनका कहना है कि संविधान सबको समान अधिकार देता है, ऐसे में किसी धार्मिक कार्यक्रम में जाति-धर्म देखकर रोक लगाना गलत है. कई पंडाल समितियों ने पुलिस से अनुमति ली है, लेकिन अगर किसी जगह तनाव बढ़ा तो प्रशासन हस्तक्षेप कर सकता हैॉ. फिलहाल पुलिस और स्थानीय अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं ताकि त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जा सके.