भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अब देश का सबसे बड़ा कर्ज लेने की तैयारी कर रहा है. कंपनी की योजना 1.25 बिलियन डॉलर यानी 10,552 करोड़ रुपए तक उधार लेने की है, जो कि इस वर्ष भारत के वित्तीय क्षेत्र से सबसे बड़ा लोन सौदा होगा. इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह लोन पांच वर्षों की अवधि के लिए लिया जाएगा और इसे गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) शाखा के माध्यम से जुटाया जा रहा है.
5 साल होगा लोन का टाइम पीरियड
इस सौदे का नेतृत्व सीटीबीसी बैंक, एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी और ताइपेई फूबोन बैंक कर रहे हैं. लोन पर ब्याज दर सुरक्षित ओवरनाइट फाइनेंसिंग दर (SOFR) से 92.5 आधार अंक ऊपर रखी गई है. इसका उद्देश्य सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए वित्तीय सुविधा जुटाना है. इस लोन को अन्य फाइनेंसर्स के लिए सिंडिकेट किया जा रहा है, जिससे इसे और व्यापक वित्तीय समर्थन प्राप्त होगा.
एसबीआई इस वर्ष विदेशी मुद्रा लोन जुटाने में सक्रिय कई भारतीय वित्तीय संस्थानों और कंपनियों में शामिल हो गई है. जुलाई 2024 में एसबीआई ने 750 मिलियन डॉलर का तीन-वर्षीय लोन जुटाया था. इसके अतिरिक्त, नॉन-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) ने भी घरेलू नियमों के दबाव के कारण विदेशी लोन की ओर ध्यान केंद्रित किया है.
ये बैंकिंग कंपनियां भी जुटा रही हैं लोन
चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी हाल ही में 300 मिलियन डॉलर की सिंडिकेटेड टर्म सुविधा जुटाने वाली लेटेस्ट भारतीय एनबीएफसी बन गई है. इसी प्रकार, बैंक ऑफ बड़ौदा 750 मिलियन डॉलर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सिडनी शाखा 81 मिलियन डॉलर (A$125 मिलियन) का लोन जुटाने की प्रक्रिया में हैं. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत का कुल डॉलर लोन वॉल्यूम 27% घटकर 14.2 बिलियन डॉलर पर आ गया है. इसकी मुख्य वजह बड़ी भारतीय कंपनियों द्वारा कम उधारी लेना मानी जा रही है, हालांकि हाल के महीनों में कई छोटे और मझोले वित्तीय संस्थान सक्रिय रहे हैं.
एसबीआई का यह कदम देश के वित्तीय क्षेत्र में डॉलर-मूल्यवान लोन जुटाने की गतिविधियों में तेजी को दर्शाता है. गिफ्ट सिटी के माध्यम से फंड जुटाने का यह प्रयास भारत के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र की भूमिका को भी मजबूत करता है. एसबीआई ने फिलहाल इस सौदे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह पहल न केवल भारतीय वित्तीय संस्थानों की बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है, बल्कि निवेशकों के लिए नए अवसर भी प्रस्तुत करती है.