भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (23 अगस्त 2024) को यूक्रेन दौरे पर पहुंचे. यहां उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को बातचीत से हल करने की वकालत की. इसके बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कहा कि भारत अपनी भूमिक निभाएगा. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि भारत ने यह पहचानना शुरू कर दिया है कि यह सिर्फ युद्ध नहीं है, यह एक व्यक्ति पुतिन का एक पूरे देश, यूक्रेन के खिलाफ असली युद्ध है.”
#WATCH | Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy speaks to ANI, in Kyiv.
He says, "India will play its role. I think that India began to recognise that this is not just conflict, this is real war of one man and his name is Putin against whole country whose name is Ukraine. You… pic.twitter.com/f6J4n7ztE5
— ANI (@ANI) August 23, 2024
यूक्रेन के राष्ट्रपति भारत के वर्चस्व की तारीफ करते हुए कहा, “आप एक बड़े देश हैं, आपका प्रभाव बहुत बड़ा है और आप पुतिन को रोक सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था को रोक सकते हैं और उन्हें वास्तव में उनकी जगह पर ला सकते हैं.” इसके बाद राजधानी कीव में जेलेंस्की ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री के आने के लिए उनका बहुत आभारी हूं. यह कुछ व्यावहारिक कदमों के साथ एक अच्छी शुरुआत है. अगर पीएम मोदी के पास शांति को लेकर कोई विचार है तो हमें इस पर बात करने में खुशी होगी.”
राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से ज्यादा शांति चाहते हैं. समस्या यह है कि पुतिन शांति नहीं चाहते. मुझे नहीं पता कि जब उनकी बैठक हुई थी तो उन्होंने क्या बात की…अगर प्रधानमंत्री की आधिकारिक यात्रा के दौरान आप अस्पताल में बच्चों पर हमला करते हैं…तो, उन्हें यह पहचानना होगा कि वे (रूसी राष्ट्रपति) भारत का सम्मान नहीं करते हैं या अपनी सेना को नियंत्रित नहीं करते हैं. इसका मतलब है कि वे भारतीय प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करते हैं. वे अपने रूसी टीवी शो जितने स्मार्ट नहीं हैं.”
प्रधानमंत्री की यूक्रेन दौरे को कई हलकों में कूटनीतिक संतुलन के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उनकी रूस यात्रा से पश्चिमी देशों में नाराजगी पैदा हो गई थी. यूक्रेन दौरे से पहले पीएम मोदी जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी. उस बैठक में जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को कीव आने का निमंत्रण दिया था.