बिहार विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की पार्टियां एंट्री मारने को तैयार हैं. इसमें ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा भी शामिल है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में ऐसे 156 सीटे हैं, जहां उनकी पार्टी और समाज का प्रभाव है. वो लंबे समय से बिहार में काम भी कर रहे हैं. इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से भी उनकी बातचीत हुई है.
जब उनसे पूछा गया कि कितने सीटों पर लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि 29 सीट की लिस्ट नड्डा-शाह को सौंप दी है. हालांकि बीजेपी की तरफ से उन्हें कहा गया है कि ये संख्या ज्यादा हैं.
राजभर का कहना है कि वो चुनाव NDA के साथ ही लड़ेंगे. बिहार में अपनी जमीन बनाना चाहते हैं इसलिए जितने सीट भी मिलेंगे उस पर चुनाव लड़ेंगे.
यूपी में कैबिनेट मंत्री हैं राजभर
ओपी राजभर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और एनडीए के सहयोगी दल हैं. बिहार चुनाव में भी अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. चुनाव को लेकर एनडीए के सहयोगी पार्टियों के बीच बातचीत चल रही है.
भाजपा एनडीए की सहयोगी पार्टियों के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही है. बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दोनों एनडीए सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे की चर्चा के बीच गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
कथित तौर पर एनडीए में शामिल होने और 2024 में फिर से भाजपा के समर्थन से अपनी सरकार बनाने के बाद से पहली बार पटना में शाह से मिले.
एनडीए में चल रही सीटों के बंटवारे पर बातचीत
एनडीए के सूत्रों ने स्वीकार किया कि जेडी(यू) और भाजपा 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और जेडी(यू) को संभवतः भाजपा से एक सीट अधिक मिलेगी, जिसका मतलब है कि दोनों के बीच 201 सीटें होंगी, जिससे शेष तीन कनिष्ठ सहयोगियों – चिराग पासवान की एलजेपी (आर), जीतन राम मांझी की एचएएम (हिंदुस्तान आवाम मोर्चा) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के लिए 42 सीटें बचेंगी.
हालांकि तीनों एनडीए सहयोगी अपना-अपना हिस्सा निकालने की कोशिश कर रहे हैं, चिराग कम से कम 40 सीटों पर लड़ने का दावा कर रहे हैं और मांझी भी इसी तरह की मांग कर रहे हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि शाह अंतिम फैसला लेंगे.