दिल्ली में नवजात की ओपन हार्ट सर्जरी सफल, गर्भ में ही पता चल गया था दोष…

दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में एक बच्चे की ओपन हार्ट सर्जरी की गई. हैरानी की बात ये है कि ये मासूम सिर्फ एक दिन का था. उत्तर प्रदेश के बरेली से लाया गया ये बच्चा ट्रांसपोजिशन ऑफ द ग्रेट आर्टरीज (टीजीए) से पीड़ित था, जो एक दुर्लभ स्थिति है. इसमें हृदय की धमनियां उलट जाती हैं, साथ ही हृदय में छेद हो जाता है.

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तीन घंटे तक चली एक दिन के बच्ची की ये सर्जरी सफल रही और कुल 16 दिनों की पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल के बाद बच्चे को स्थिर स्थिति में छुट्टी दे दी गई. फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी के निदेशक नीरज अवस्थी ने बच्चे के हार्ट में इस डिफेक्ट को ठीक करने के लिए आर्टेरियल स्विच ऑपरेशन किया था.

अवस्थी ने कहा कि बच्चे की स्थिति का पता 20 सप्ताह की गर्भावस्था के नियमित स्कैन के दौरान चल गया था. तब डॉक्टरों को हृदय संबंधी विसंगतियों का संदेह हुआ था. अब इतने बड़े ऑपरेशन के बाद नवजात अब घर पर ठीक हो रहा है, और डॉक्टरों ने ग्रोथ और हार्ट फंक्शन की निगरानी के लिए कंटीन्यू फॉलोअप की सलाह दी है.

बीते साल मार्च में आर्मी हॉस्प‍िटल जम्मू के डॉक्टरों ने ऐसी ही बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. आर्मी हॉस्प‍िटल जम्मू के काबिल डॉक्टरों की टीम ने अपने अनोखे इलाज से जम्मू-कश्मीर के गरीब परिवार के आठ साल के बच्चे की जान बचाई थी. इस बच्चे की महाधमनी में सिकुड़न के कारण उसकी जिंदगी खतरे में आ गई थी. आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में कर्नल हरमिंदर सिंह अरोड़ा, वीएसएम के नेतृत्व में बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी विशेषज्ञों की टीम ने जोखिम भरे ट्रांसकैथेटर प्रोसेस से उसका सफल इलाज किया और उसे बचा लिया था

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