श्रीनगर: नियंत्रण रेखा (LoC) पर जारी गोलाबारी के कारण विस्थापित हुए लोगों की मदद के लिए कश्मीरी पंडित समुदाय आगे आया है. एक प्रमुख कश्मीरी पंडित संगठन, जेके शांति मंच ने लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर कश्मीर घाटी में मंदिरों को खोलने की मांग की है. संगठन का कहना है कि ये मंदिर विस्थापित परिवारों को अस्थायी आश्रय प्रदान कर सकते हैं जिनके पास जाने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान ने सीमाओं पर गोलाबारी तेज कर दी है, जिसके चलते सीमावर्ती गांवों के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. कल रात हुई गोलाबारी में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सहित पांच नागरिकों की जान चली गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर दो दर्जन के करीब पहुंच गई है.
जेके शांति मंच के अध्यक्ष, सतीश महालदार ने प्रशासन से इस ‘गंभीर मानवीय संकट’ को देखते हुए कश्मीर घाटी में मंदिरों को खोलने पर विचार करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि ये मंदिर ऐतिहासिक रूप से आशा, एकता और शरण के प्रतीक रहे हैं.
महालदार के अनुसार, कई परिवार बेघर हो गए हैं और रिश्तेदारों या पड़ोसियों के यहां शरण लेने को मजबूर हैं, जबकि अन्य खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं, जिससे वे असुरक्षित और मानसिक रूप से आघातग्रस्त हैं.
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित इन कठिन समय में अपने साथी नागरिकों के साथ मजबूती से खड़े हैं. हम अपने साथी कश्मीरियों की सहायता के लिए हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं, चाहे वह समन्वय के माध्यम से हो, स्वयंसेवा के माध्यम से हो या सहायता जुटाने के माध्यम से हो. महालदार ने कहा आइए हम सब मिलकर इस बुराई का सामना करें और राख के बीच उम्मीद का पुनर्निर्माण करें.