चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी OpenAI ने भारत में अपने पहले एम्प्लॉई को नियुक्त किया है. कंपनी ने 39 साल कि प्रज्ञा मिश्रा को अपना गवर्नमेंट रिलेशन हेड बनाया है. प्रज्ञा मिश्रा पहले ट्रूकॉलर और मेटा में काम कर चुकी हैं. वे महीने के आखिर में OpenAI में काम शुरू करेंगी.
इस अपॉइंटमेंट को अभी तक पब्लिक नहीं किया गया है. ब्लूमबर्ग ने मामले से परिचित लोगों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है. प्रज्ञा मिश्रा को OpenAI ने ऐसे समय में नियुक्त किया है जब भारत में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए वोटिंग हो रही है. ये वोटिंग तय करेगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में लौटेंगे या नहीं.
*गोल्फ खिलाड़ी और पॉडकास्टर भी हैं पज्ञा, 4 बड़ी बातें*
• जुलाई 2021 से ट्रूकॉलर के लिए डायरेक्टर ऑफ पब्लिक अफेयर्स के रूप में काम कर रही हैं. इस पोजीशन पर उन्हें कंपनी के एजेंडे को आगे ले जाने के लिए सरकारी मंत्रालयों, स्टेकहोल्डर्स, इन्वेस्टर्स और मीडिया पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करना पड़ता है.
• इससे पहले, वह 3 साल तक मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक के साथ थीं. मेटा में, प्रज्ञा ने 2018 में गलत सूचनाओं के खिलाफ वॉट्सएप की कैंपेन को लीड किया था. उन्होंने अर्न्स्ट एंड यंग और नई दिल्ली में रॉयल डेनिश दूतावास में भी काम किया है.
• प्रज्ञा की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, 2012 में उन्होंने इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से MBA किया है. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में स्नातक हैं. उन्के पास लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से बार्गेनिंग एंड नेगोसिएशन में डिप्लोमा भी हैं.
• प्रज्ञा गोल्फ खिलाड़ी भी हैं और उन्होंने 1998 से 2007 के बीच कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. इसके अलावा वह एक हार्टफुलनेस मेडिटेशन ट्रेनर हैं. वह एक पॉडकास्टर और एक इंस्टाग्राम इंफ्लूएंसर भी है, जिनके 35,000 फॉलोअर्स है.
OpenAI के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सैम ऑल्टमैन पिछले साल भारत आए थे. अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत जैसे देशों को AI रिसर्च का ऐसे तरीकों से सपोर्ट करना चाहिए, जिससे हेल्थ केयर जैसी सरकारी सर्विसेज में सुधार हो सके.
अपनी इस यात्रा के दौरान सैम ऑल्टमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. ऑल्टमैन ने यह भी कहा था कि भारत OpenAI की जेनरेटिव-AI सर्विस चैटजीपीटी को सबसे पहले अपनाने वाला देश है.
ऑल्टमैन ने AI पर ज्यादा से ज्यादा रेगुलेशन लगाने को कहा था. तब ऑल्टमैन ने कहा था कि उनका सबसे बड़ा डर यह है कि टेक्नोलॉजी नुकसान भी पहुंचा सकती है. उन्होंने यह भी कहा था कि टेक्नोलॉजी के करंट वर्जन के लिए बड़े रेगुलेटरी चेंजेस की जरूरत नहीं है, लेकिन जल्द ही होंगे.