पहलगाम हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है. आतंकवाद से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 2000 करोड़ रुपये के हथियार के इमरजेंसी खरीद को मंजूरी दी है. ड्रोन, रडार से लेकर एयर डिफेंस सिस्टम जैसे कई हथियारों की खरीद के लिए करार किए गए हैं. इस खरीद से सेना की ताकत में और इजाफा होगा. इन हथियारों का इस्तेमाल काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन में किया जाएगा.
इमरजेंसी खरीद के अंतर्गत 13 कॉन्ट्रैक्ट को अंतिम रूप दिया गया है. 2000 करोड़ में से 1981.90 करोड़ रुपए की राशि के इन करारों को अंतिम रूप दिया गया है. यह खरीद भारतीय सेना को उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक और पूरी तरह से स्वदेशी प्रणालियों से लैस करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
यह इमरजेंसी खरीद व्यवस्था, तत्काल क्षमता अंतराल को पाटने और महत्वपूर्ण परिचालन उपकरणों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
खरीदे जाने वाले हथियार
इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्टेशन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (IDDIS)
लो लेवल लाइटवेट रडार्स (LLLR)
बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस)-लांचर और मिसाइल
दूर से संचालित हवाई वाहन
वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग सिस्टम सहित लोइटरिंग म्यूनिशन
विभिन्न श्रेणियों के ड्रोन
बुलेट प्रूफ जैकेट (बीपीजे)
बैलिस्टिक हेलमेट
त्वरित प्रतिक्रिया लड़ाकू वाहन (क्यूआरएफवी)-भारी और मध्यम
नाइट साइट फॉर राइफल्स
7 मई को हुई थी ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इसका बदला लेने के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी. पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था. इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे.