‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शऱीफ ने कुबूल किया है भारत के जवाबी हमले में उनके कई एयरबेस तबाह हो गए हैं, खास तौर पर नूरखान एयरबेस. पाकिस्तान का यह कबूलनामा अब दुनिया के सामने है.
यह वही पाकिस्तान है जो कल तक ये कह रहा था कि कुछ हुआ ही नहीं है और अपने लोगों को बेवकूफ बनाकर जीत का जश्न मना रहा था.अब वही कह रहा है कि नुकसान हो गया है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
शहबाज शरीफ का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है. इस में वह कहते हैं, ‘9 और 10 तारीख की दरमियानी रात के करीब ढाई बजे सिपासलाहर जनरल असिम मुनीर ने मुझे सिक्योर फोन पर मुझे बताया कि वजीरे-आजम साहब हिंदुस्तान ने अपने बैलेस्टिक मिसाइल अभी लॉन्च किए हैं जिनमें से एक नूरखान एयरबेस पर गिरा है और कुछ दूसरे इलाकों में भी गिरे हैं… हमारी वायुसेना ने अपने देश को बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया और उन्होंने चीनी लड़ाकू विमानों पर आधुनिक गैजेट और तकनीक का भी इस्तेमाल किया.’
सबसे अहम एय़रबेस है नूरखान
आपको बता दें कि नूर खान कोई साधारण एयरबेस नहीं है. यह पाकिस्तान के VVIP और हाई लेवल मिलिट्री एविएशन का सेंटर है. इस्लामाबाद से इसकी निकटता और इसका डबल रोल एयरबेस को पाकिस्तान के सबसे संवेदनशील हवाई ठिकानों में से एक बनाती है. अब तक हमलों के बाद उपलब्ध सभी सैटेलाइट तस्वीरों से यह बात जाहिर होती है कि भारतीय वायुसेना ने पूरी सटीकता के साथ हमला किया था और किसी भी जगह पर कोई भी टारगेट चूकता हुआ नहीं दिखाई देता है.
इस्लामाबाद के करीब स्थित नूर खान एयरबेस, पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) के ऑपरेशन्स में मदद करता है और देश के टॉप VVIP एयर ट्रांसपोर्ट के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं. स्पेस कंपनी सैटलॉजिक की सैटेलाइट तस्वीरें, जो अर्थ इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म SkyFi की ओर से इंडिया टुडे को खास तौर पर मुहैया कराई गई हैं, पाकिस्तान के सबसे हाई प्रोफाइल एयर बेस पर हुई घटनाओं को लेकर नया खुलासा करती हैं.
तस्वीरें कंफर्म करती हैं कि 10 मई को नूर खान बेस पर मिसाइल इंपैक्ट साइट से करीब 435 मीटर की दूरी पर एक सफ़ेद G450 (G-IV-X) के स्पेशिफिकेशन से मैच करने वाला विमान मौजूद है. पाकिस्तान सरकार सफ़ेद गल्फस्ट्रीम का इस्तेमाल विशेष रूप से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विदेश मंत्रियों के लिए करती है. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि भारतीय वायुसेना ने रावलपिंडी में एयरबेस को निशाना बनाया जिससे एक कमांड और कंट्रोल यूनिट तबाह हो गई.