हसदेव में केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक का विरोध:मुख्यमंत्री से निरस्त करने की मांग, ग्रामीण बोले- ग्रामसभा फर्जी, रामगढ़ के अस्तित्व को खतरा

सरगुजा जिले में हसदेव अरण्य क्षेत्र में केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक को स्वीकृति देने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया है। बुधवार (13 अगस्त) को सैकड़ों ग्रामीणों ने रैली निकाली और खदान के लिए अनुमति को निरस्त करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

हसदेव क्षेत्र के प्रभावित गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि खनन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसी भी पंचायत की ग्राम सभा ने कोल ब्लॉक के लिए सहमति का प्रस्ताव नहीं दिया है। फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव से कोल ब्लॉक को स्वीकृति दी गई है। इसे सरकार तत्काल निरस्त करे।

ग्रामीणों के मुताबिक, केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक में करीब 5 लाख पेड़ काटे जाने का अनुमान है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यालय में एलिफेंट कारीडोर की दूरी 10 किलोमीटर बता खनन के लिए अनुमति रोकी गई थी।

कोल ब्लॉक का रास्ता साफ

हसदेव क्षेत्र के केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक में वन भूमि के डायवर्सन के लिए सरगुजा डीएफओ ने 26 जून 2025 को अनुशंसा पत्र जारी किया है। इसके बाद कोल ब्लॉक का रास्ता साफ हो गया है। केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक में 97% क्षेत्र (1742 हेक्टेयर) फारेस्ट लैंड है। भूपेश सरकार ने CCF, वाइल्ड लाइफ की रिपोर्ट पर खनन अनुमति रोक दी थी।

पांच लाख पेड़ काटने का अनुमान

हसदेव बचाव आंदोलन से जुड़े आलोक शुक्ला भी रैली में शामिल हुए। आलोक शुक्ला ने कहा कि मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव के जंगल में पांच लाख पेड़ काटे जाएंगे। सरकार अडाणी को कोल ब्लॉक देने के लिए मनमानी पर उतारू है।

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने सभी ग्राम सभाओं को फर्जी घोषित किया है। लेमरू हाथी रिजर्व इस परियोजना से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर है। ऐतिहासिक रामगढ़ पहाड़ भी काफी नजदीक है, जिसे खनन से खतरा है।

कांग्रेस भी हमलावर, टीएस बोले-रिपोर्ट बदली

केते एक्सटेंशन परियोजना से उत्तर छत्तीसगढ़ की पहचान विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला व राम गमन परिपथ में शामिल रामगढ़ के अस्तित्व को खतरा बता पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कोल ब्लॉक की अनुमति निरस्त करने की मांग की है।

टीएस सिंहदेव ने कहा है कि सरकार ने केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक को मंजूरी देने वास्तविक रिपोर्ट को बदल दिया है। यह उद्योगपति अदानी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। हम कोल ब्लॉक का विरोध करने वाले ग्रामीणों के साथ खड़े हैं।

Advertisements
Advertisement