पहाड़ी गांव में प्रस्तावित लाइम स्टोन माइनिंग का विरोध: मैहर में किसानों बोले-इससे हमारी जमीन और आवास को होगा खतरा प्रदूषण बढ़ेगा

मैहर : पहाड़ी गांव में प्रस्तावित लाइम स्टोन माइनिंग का स्थानीय निवासियों ने विरोध किया है.के.जे.एस. सीमेंट कंपनी की ओर से मेसर्स इन्दू अहलूवालिया ने 102.861 हेक्टेयर भूमि पर खनन लीज की स्वीकृति के लिए आवेदन किया है.

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नेशनल हाईवे 30 से लगे इस गांव में 5 हजार से अधिक लोग रहते हैं.ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को सामूहिक आपत्ति पत्र सौंपा है.उनका कहना है कि प्रस्तावित खनन क्षेत्र में आवासीय मकान, विद्यालय और कृषि योग्य भूमि आती है।
जलस्तर और पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की दी दलील
ग्रामीणों ने कई गंभीर चिंताएं जताई हैं.

 

उनका कहना है कि खनन से होने वाले ध्वनि और धूल प्रदूषण का सेहत पर बुरा असर पड़ेगा.उपजाऊ कृषि भूमि नष्ट होने से किसानों की आजीविका प्रभावित होगी.खदान से जुड़े भारी वाहनों की आवाजाही से हाईवे पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ेगा.साथ ही जलस्तर और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा.

अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन और किसानों के बीच समझौता नहीं हो पाया है.जल्द ही नई तारीख तय कर दोबारा जनसुनवाई की जाएगी.ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द फैसला नहीं लिया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

ग्रामवासियों ने बताया कि खदान शुरू होने से भूजल स्तर तेजी से गिरने का खतरा है और खेती पूरी तरह चौपट हो जायेगी
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें.प्रस्तावित लाइमस्टोन माइनिंग प्रोजेक्ट को रद्द किया जाए.किसानों की जमीन और आवास की सुरक्षा की गारंटी दी जाए.प्रदूषण और पर्यावरण को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.

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