महाराष्ट्र सरकार ने पहली कक्षा से हिंदी अनिवार्य करने के फैसले को रद्द कर दिया है. सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार (29 जून) को इसकी घोषणा की. सरकार के इस फैसले पर शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत का बयान सामने आया है, उन्होंने इसे यह मराठी एकता की जीत बताया है. साथ ही कहा है कि 5 जुलाई को अब मुंबई में मार्च नहीं निकाला जाएगा.
संजय राउत ने सोसल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि हिंदी अनिवार्य करने के फैसले को रद्द करना मराठी एकता की जीत है. ठाकरे का एकजुट होना एक झटका है. उन्होंने कहा कि 5 जुलाई का संयुक्त मोर्चा अब नहीं होगा, लेकिन ठाकरे ब्रांड हैं!. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने ने एक समझदारी भरा फैसला लिया है.
ये मराठी लोगों की जीत है…’
वहीं इस मामले पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे का कहना है कि हिंदी भाषा को स्कूलों में तीन भाषा फॉर्म्युला के नाम पर पहली कक्षा से लागू करने का जो निर्णय लिया गया था, वह सरकार को अंततः वापस लेना पड़ा. इस संदर्भ में जारी किए गए दोनों शासकीय निर्णय (जी.आर.) सरकार ने रद्द कर दिए हैं. इसे कोई ‘देर से आया हुआ विवेक’ नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह निर्णय केवल मराठी लोगों के आंदोलन के बाद पीछे लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि ये मराठी लोगों की जीत है.
महाराष्ट्र की जनता को हार्दिक बधाई’
राज ठाकरे ने कहा कि सरकार हिंदी भाषा को थोपने के लिए इतनी उतावली क्यों थी और उस पर दबाव कहां से था यह आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में छात्रों को हिंदी सिखाने के लिए तीन भाषा फॉर्म्युला लादने का जो प्रयास था, वह फिलहाल नाकाम रहा है. इसके लिए महाराष्ट्र की जनता को हार्दिक बधाई. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने अप्रैल 2025 से ही इस मुद्दे पर आवाज उठाना शुरू कर दी थी और तभी से यह विषय राज्यभर में चर्चा विषय बन गया.
‘यह स्वाभिमानी लोगों का महाराष्ट्र है…’
वहीं एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी महाराष्ट्र की जनता को बधाई दी है. सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए सांसद ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पहली कक्षा से हिंदी पढ़ाने का फैसला वापस ले लिया है. यह मराठी लोगों और महाराष्ट्र के नागरिकों की एकता की जीत है.