गौ तस्करी के नाम पर न्याय की जगह जुल्म: चार आरोपी गिरफ्तार

Rajasthan: भीलवाड़ा जिले के मांडल क्षेत्र में गौ तस्करी के संदेह में एक व्यक्ति के साथ बर्बरता की गई, लेकिन सच्चाई सामने आने पर कहानी ने नया मोड़ ले लिया. प्रतापपुर निवासी नाहर खां ने पुलिस में दी गई रिपोर्ट में बताया कि 23 मई को वह और उसका भाई इकबाल सिहाणा से जर्सी गायें खरीदकर ला रहे थे. पुलिस चौकी पर जांच में सब कुछ वैध पाए जाने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.

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लेकिन जैसे ही वह शाहपुरा चौराहे के पास पहुंचे, वहां कथित ‘गौ रक्षकों’ ने एक बार फिर घेर लिया. इस बार बात पूछताछ तक सीमित नहीं रही. नाहर खां के साथ मारपीट कर उसके हाथ-पैर बांध दिए गए और उसे खेत में फेंक दिया गया. इसके बाद पिकअप को ताज कंस्ट्रक्शन के पास ले जाकर उसमें आग लगा दी गई.

शोर सुनकर एक व्यक्ति ने नाहर को मुक्त किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की. सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस शेष आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.

यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी बताती है कि ‘संदेह’ के आधार पर हिंसा करना समाज में किस हद तक खतरनाक बन चुका है. क्या अब ‘गौ रक्षा’ के नाम पर कानून हाथ में लेना आम होता जा रहा है? पुलिस की तत्परता से दोषियों की गिरफ्तारी तो हो गई, लेकिन सवाल यह है कि कब तक निर्दोष लोग भीड़ के गुस्से का शिकार बनते रहेंगे?

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