बिहार के गोपालगंज में 23 मई की रात मंडप से दूल्हे के अपहरण की सनसनीखेज घटना के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. एसपी अवधेश दीक्षित के निर्देश पर जिले में आर्केस्ट्रा कार्यक्रमों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही बंगाल, ओडिशा समेत बाकी राज्यों से आईं महिला डांसरों को तुरंत आर्केस्ट्रा को बंद कर जिला छोड़ने का आदेश भी दिया गया है. इस आदेश के बाद आर्केस्ट्रा कार्यक्रम करने वाली महिला डांसरों ने कहा कि इस फैसले के बाद उनके सामने अपने परिवार की देखरेख करने की मुश्किल खड़ी हो जाएगी.
एसपी के निर्देश पर आज जिले भर के सभी थानों में आर्केस्ट्रा संचालकों की बैठक बुलाई गई, जिसमें पुलिस ने साफ कर दिया कि अब किसी भी शादी या सार्वजनिक कार्यक्रम में आर्केस्ट्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी. सभी संचालकों से बॉन्ड भरवाया गया, जिसमें यह शर्त रखी गई कि वह कानून व्यवस्था भंग नहीं करेंगे और किसी भी आपत्तिजनक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
‘लौंडा नाच’ में विवाद के बाद फैसला
पुलिस जांच में सामने आया कि 23 मई की रात एक शादी समारोह के दौरान ‘लौंडा नाच’ में विवाद हुआ, जिसमें आर्केस्ट्रा से जुड़े युवकों ने मिलकर दूल्हे का अपहरण कर लिया. इस घटना के बाद से प्रशासन सख्त हो गया है. इससे पहले भोजपुरी डांसर माही-मनीषा के आर्केस्ट्रा में मारपीट हुई थी. पुलिस का मानना है कि ऑर्केस्ट्रा की आड़ में कई जगह अश्लीलता परोसी जा रही है. ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले भी सामने आए हैं.
आर्केस्ट्रा संचालकों ने क्या कहा?
इसके अलावा हर्ष फायरिंग, हथियार लहराने और अभद्र गीत बजाने जैसी घटनाएं भी हुई हैं. हालांकि, आर्केस्ट्रा संचालकों और डांसरों का कहना है कि वह कला के जरिए अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं. एक डांसर ने कहा, ‘हम दूसरे राज्य से आकर मेहनत करते हैं. आर्केस्ट्रा पर बैन से हमारे परिवारों के सामने संकट खड़ा हो जाएगा’. फिलहाल, प्रशासन की सख्ती के बीच जिले में ऑर्केस्ट्रा पूरी तरह बंद हो चुका है और सभी डांसरों को जांच प्रक्रिया पूरी होने तक घर लौटने के निर्देश दिए जा चुके हैं.