यूपी के गोरखपुर में बिना नक्शा पास कराए बनी तीन मंजिला मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश विकास प्राधिकरण ने दिया है. मस्जिद को गिराने के लिए 15 दिन की डेडलाइन भी दी गई है. यह मस्जिद शहर के घोष कंपनी चौराहे के पास स्थित है, जो नगर निगम की भूमि पर पिछले साल ही बनी थी.
इस मस्जिद को जीडीए यानी गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने अवैध करार दिया है. विकास प्राधिकरण की तरफ से मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के पुत्र शोएब अहमद के नाम नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया है. इस आदेश में 15 दिन के भीतर खुद ही अवैध निर्माण ध्वस्त कर लेने की बात कही गई है, नहीं तो प्राधिकरण स्वयं ध्वस्तीकरण करेगा और इसका खर्चा भी वसूल करेगा.
फिलहाल, मस्जिद के पक्षकार ने इस मामले की अपील मंडल आयुक्त कोर्ट में की है. अब इस मामले की मंडल आयुक्त कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी. लेकिन इस मामले में जीडीए वीसी आनंद वर्धन से जब ऑफ कैमरा बात हुई तो उन्होंने बताया कि अभी मामला चल रहा है. इसकी सुनवाई होनी है, उसके बाद ही कुछ बताया जाएगा.
उधर, मस्जिद पक्ष के अहमद ने बताया कि 15 फरवरी को जीडीए में सुनवाई में उपस्थित होकर पक्ष रखा गया था. उसके पूर्व 14 फरवरी को डाक के जरिए भी लिखित जवाब दाखिल कराया गया था. नगर आयुक्त के प्रस्ताव पर नगर निगम बोर्ड ने 24 गुणा, 26 फुट जमीन मस्जिद बनाने के लिए 6वीं निगम बोर्ड बैठक में देने के लिए अनुमोदन किया था. जमीन नगर निगम बोर्ड की सहमति से मिली थी. 60 मीटर के अंदर के निर्माण के लिए नक्शा पास कराना आवश्यक नहीं होता है. उसके बावजूद नक्शा न पास कराकर निर्माण कराने को लेकर जीडीए की तरफ से नोटिस दी गई. इस आदेश के खिलाफ मंडलायुक्त के वहां सुनवाई होनी है, जो 25 फरवरी को होगी.
उन्होंने बताया कि पहले मस्जिद 1200 एरिया में बनी थी, उसके बाद साढ़े 550 एरिया में बनी. 550 एरिया में कोई नक्शा नहीं पास होता. पहले ही बताया गया था कि 1000 से ऊपर जब रहता तब नक्शे की जरूरत होती है, लेकिन ऑलरेडी जब 1000 से कम है तो नक्शे की क्या जरूरत है सिर्फ परेशान करने की कोशिश की जा रही है.