बांग्लादेश इस समय सांप्रदायिक आग में झुलस रहा है. हिंदू धर्म गुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से हालात और भी खराब हैं. वहां हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर पवन कल्याण ने प्रतिक्रिया दी है.
आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने बांग्लादेश पुलिस द्वारा हिंदू धर्मगुरु और ISKCON के प्रमुख पुजारी चिन्मय कृष्णा दास की गिरफ्तारी की निंदा की. उन्होंने कहा कि आइए मिलकर चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करें. हम मोहम्मद यूनुस की बांग्लादेश सरकार से आग्रह करते हैं कि वे हिंदुओं पर अत्याचार रोके.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के गठन के लिए हमारे जवानों ने अपना खून बहाया है, हमारे संसाधन खर्च हुए हैं, हमारे जवान शहीद हुए हैं. हमारे हिंदू भाइयों और बहनों को जिस तरह से निशाना बनाया जा रहा है, उससे हम व्यथित हैं. हम संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं.
Let’s all unite together in condemning the detention of ISKON Bangladesh Priest ‘ Chinmoy Krishna Das’ by Bangladesh police. We urge and plead Bangladesh Govt under Sri Mohammed Yunus to stop atrocities on Hindus.
Indian army blood has been spilled , our resources had been… https://t.co/HcE9Mf865m
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) November 27, 2024
भारत ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी की निंदा की थी
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा था कि हम बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत नहीं देने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. यह मामला बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाए जाने के बीच सामने आया है. अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी और तोड़फोड़ और हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले सामने आए हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले अपराधियों की बजाय, शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें रखने वाले एक हिंदू पुजारी के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है. हम चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं. हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है.
बता दें कि बांग्लादेश की लॉ एंफोर्समेंट एजेंसी ने चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था. बांग्लादेश की अदालत ने उन्हें मंगलवार को उन्हें जमानत नहीं दी और जेल भेज दिया. इसके बाद चिन्मय दास के समर्थक सड़कों पर उतर आए और उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू किया. सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के दौरान पत्रकारों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो गए.