दलित युवक को होटल में खाना खिलाने से मना करने पर बवाल: मामला गरमाया, भीम आर्मी और बाल्मिकी समाज ने की कार्रवाई की मांग
श्योपुर : शहर में जातिगत भेदभाव का मामला सामने आया है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है. घटना तब हुई जब दलित समाज का एक युवक स्थानीय होटल पर खाना खाने पहुंचा। युवक ने होटल संचालक से खाना मांगा, लेकिन संचालक ने उसे होटल में बैठकर खाना देने से इनकार कर दिया और केवल खाना पैक कराने की बात कही.
वीडियो वायरल, भेदभाव का आरोप
इस व्यवहार से आहत युवक ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो में होटल संचालक को साफ तौर पर यह कहते सुना जा सकता है कि वह युवक को होटल में खाना नहीं देगा. इस घटना ने दलित समाज में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है.
बाल्मिकी समाज और भीम आर्मी का विरोध प्रदर्शन
वीडियो वायरल होने के बाद बाल्मिकी समाज और भीम आर्मी ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना दलित समाज के प्रति घोर अपमान और भेदभाव को दर्शाती है. भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने होटल संचालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
भीम आर्मी के जिला प्रमुख का कहना है, “यह घटना समाज में जातिगत भेदभाव की गहरी जड़ें दिखाती है. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि समाज में समरसता बनी रहे.”
पुलिस से कार्रवाई की मांग
और भीम आर्मी ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। होटल संचालक पर जातिगत आधार पर भेदभाव और समाज के सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सख्त कदम उठाने की अपील की.
सामाजिक संगठनों ने जताई नाराजगी
घटना के बाद श्योपुर के कई सामाजिक संगठनों ने भी अपना आक्रोश व्यक्त किया है. उनका कहना है कि ऐसे कृत्य समाज में असमानता और नफरत को बढ़ावा देते हैं.
प्रशासन ने दिया जांच का आश्वासन
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने जांच का आदेश दे दिया है। पुलिस का कहना है कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
होटल संचालक का पक्ष
होटल संचालक का कहना है कि यह मामला केवल गलतफहमी का परिणाम है. उसने किसी भी जातिगत भेदभाव से इनकार किया है और कहा है कि खाना पैक करने की बात केवल होटल की नीति के तहत कही गई थी.
समाज में गहराई समस्या
इस घटना ने एक बार फिर जातिगत भेदभाव की समस्या को उजागर किया है। दलित समाज और उनके समर्थन में खड़े संगठनों ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने की मांग की है.