छत्तीसगढ़ पुलिस को सबसे आधुनिक गाड़ियां मिली हैं। यह गाड़ियां ओवर स्पीड ड्राइविंग करने वालों को आधे किलोमीटर दूर से ही पकड़ लेंगी. इन गाड़ियों को इंटरसेप्टर व्हीकल कहा जाता है. ऐसी 15 गाड़ियों की चाबी शुक्रवार को CM साय ने DGP अशोक जुनेजा को दी हैं. ये गाड़ियां 15 अलग-अलग जिलों में रवाना की गई है.
यह इंटरसेप्टर वाहन छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे आधुनिक व्हीकल हैं. इनमें न सिर्फ ओवर स्पीडिंग बल्कि नशे में ड्राइव करने, एक्स्ट्रा लाइट, साउंड, ब्लैक ग्लास जांच जैसे फैसिलिटी मौजूद है. ये गाड़ियां कुछ प्वाइंट में खड़ी रहेंगी और सड़क पर ऑन द स्पॉट जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
हमारा मकसद चालान करना नहीं
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. सड़क पर चलते हुए यातायात नियमों का पालन सुरक्षित यात्रा की गारंटी देता है. इससे अन्य वाहन चालकों में भी सुरक्षा का भाव पैदा होता है. बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए हमें यातायात नियमों का पालन करने के लिए अधिक सचेत और गंभीर होने की आवश्यकता है.
साय ने कहा कि, सड़क सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. हर वर्ष हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं और कई लोगों में स्थाई दिव्यांगता आ जाती है. नए इंटरसेप्टर वाहनों से नियमों का पालन न करने वालों पर निगरानी रखी जाएगी. हमारा उद्देश्य चालान वसूलना नहीं बल्कि लोगों को नियमों का पालन करने के लिए जागरूक और सचेत करना है.
क्यों लाई गई यह गाड़ियां
DGP अशोक जुनेजा ने बताया कि, छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं में नियंत्रण के लिए सर्व सुविधायुक्त इंटरसेप्टर वाहनों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. ताकि ओवर स्पीडिंग, नशे में वाहन चलाना, निर्धारित मापदण्ड से अधिक चकाचौंध के हेड लाईट्स, वाहन में लगे ध्वनि यंत्रों की तेज आवाज मापने और वाहनों के ग्लास में निर्धारित मापदण्ड से अधिक गहरी काली फिल्म लगाकर अपराध करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
कहां तैनात होगी ये गाड़ियां
इंटरसेप्टर वाहनों की तैनाती जिला रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़ सरगुजा, जगदलपुर और कांकेर में की जा रही है. इन 15 जिलों में इंटरसेप्टर वाहनों के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
इन गाड़ियों की क्या है खासियत
रायपुर ट्रैफिक SP गुरजिंत सिंह ने बताया कि, इन गाड़ियों की मदद से सड़क पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ा जा सकेगा.
- इंटरसेप्टर गाड़ी में 360 डिग्री निगरानी करने सर्विलांस कैमरा है। सड़क पर गलती किसकी ये कैप्चर हो जाएगा.
- स्पीड रडार गन है, जो 500 मीटर दूर से आ रही गाड़ी की ओवर स्पीड को पकड़ लेगा.
- ब्रेथ एनालाइजर: नशे में वाहन चलाने वालों की जांच होगी। अधिक एल्कोहल मिलने पर गाड़ी मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी.
- प्रकाश तीव्रता मापन यंत्र: गाड़ी में मोडिफिकेशन से लगवाई गई हाईपावर लाइट को जांचा जा सकेगा.
- ग्लास पारदर्शिता यंत्र: वाहन के ग्लास की पारदर्शिता मापने का सिस्टम है, ब्लैक फिल्म को हटवाया जाएगा.
- ध्वनि मापक यंत्र: DJ या गाड़ियों में लगे हूटर के साउंड लेवल को जांचा जाएगा। अधिक आवाज होने पर मशीन बता देगी और कार्रवाई की जाएगी.