इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में UCC (समान नागरिक संहिता) समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कई विवादित बयान भी दिए. जस्टिस एसके यादव ने अपने बयान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लिए ‘कठमुल्ला’ शब्द का इस्तेमाल किया. उनके इस बयान की काफी आलोचना की जा रही है.
हैदराबाद सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी जस्टिस एसके यादव के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने ‘नफरत और हिंसा की ताकत’ होने की वजह से VHP पर प्रतिबंध लगाया था.
The VHP was banned on various occasions. It is associated with RSS, an organisation that Vallabhai Patel banned for being a ‘force of hate and violence.’
It is unfortunate that a High Court judge attended the conference of such an organisation. This “speech” can be easily… https://t.co/IMce7aYbcf
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 9, 2024
अल्पसंख्यक न्याय की उम्मीद कैसे करे- ओवैसी
ओवैसी ने जस्टिस एसके यादव के वीएचपी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर अफसोस जताते हुए कहा कि भारत का संविधान लोकतांत्रिक है न कि बहुमतवादी. ओवैसी ने कहा कि जस्टिस एसके यादव का यह भाषण देश की कॉलेजियम प्रणाली पर आरोप लगाता है और न्यायालयों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है. उन्होंने लिखा कि, वीएचपी के कार्यक्रमों में भाग लेने वाले व्यक्ति के सामने अल्पसंख्यक पक्ष न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है?
कठमुल्ला शब्द के इस्तेमाल पर भड़के ओवैसी
उन्होंने अपनी अगली पोस्ट में लिखा कि, ‘एक हाई कोर्ट के जज ने ‘कठमुल्ला’ शब्द का प्रयोग किया और भारत में मुसलमानों के लिए शर्तें निर्धारित कीं (जैसे कि हमें उनकी अनुमति की आवश्यकता हो). हैदराबाद के सांसद ने अपनी पोस्ट में ‘रिस्टेटमेंट ऑफ वैल्यूस ऑफ ज्यूडिशियल लाइफ’ (1997) से कुछ हिस्से भी साझा किए, जिसमें न्याय व्यवस्था में शामिल जजों को अपनी भूमिका और व्यवहार को लेकर सजग रहने की सलाह दी गई है.
A High Court judge used the word ‘kathmulla’ and set down conditions for Muslims in India (as if we need his permission). Just some reminders from the ‘Restatement of Values of Judicial Life’ (1997):
1. Justice must not merely be done but it must also be seen to be done. The…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 9, 2024
जस्टिस एसके यादव ने क्या कहा था?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने वीएचपी के कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता को देश के जरूरी बताते हुए कहा कि यह देश हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार चलेगा. उन्होंने इस दौरान मुस्लिम समाज को कठमुल्ला बताते हुए विवादास्पद टिप्पणी की थी.