आम तौर पर कोई भी क्रिकेटर अपने रिकॉर्ड्स, ट्रॉफी या बेहतरीन पारियों के लिए जाने जाते हैं. लेकिन एक ऐसा भी क्रिकेटर है, जो अपने क्रिकेट के करियर से ज्यादा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए मशहूर है. हम बात कर रहे हैं न्यूजीलैंड के क्रिकेटर एडम परोरे की. वो एवरेस्ट पर चढ़ने वाले इकलौते इंटरनेशनल क्रिकेटर हैं. उन्होंने ये कारनामा 2011 में 40 साल की उम्र में किया था और इसके लिए अपनी जान की बाजी तक लगा दी थी.
ऑक्सीजन खत्म, आवाज हो गई थी बंद
एडम परोरे आज यानि 23 जनवरी 2025 को वो अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं. लेकिन उन्होंने एवरेस्ट पर चढ़ने का अनोखा कारनामा 40 साल की उम्र में 22 मई 2011 को किया था. उन्होंने इसके लिए अपनी जान की बाजी तक लगा दी थी. परोरे ने एक इंटरव्यू खुलासा किया था कि जब वो माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ रहे थे, तब बीच में ही उनका ऑक्सीजन खत्म हो गया था. इससे उन्हें सांस लेने में समस्या होने लगी और नौबत मौत तक आ गई थी.
इसके बाद परोरे के साथ गए शेरपा ने मदद की और उनकी जान बचाई. चोटी पर पहुंचने के बाद उन्होंने करीब 20 मिनट का समय बिताया था. लेकिन समस्या अभी खत्म नहीं हुई थी. नीचे उतरते वक्त उनकी तबीयत बुरी बिगड़ गई. इससे एडम परोरे के मुंह से आवाज तक आनी बंद हो गई थी. हालांकि, वो किसी तरह शेरपाओं की मदद से नीचे आ गए थे.
चैरिटी के लिए चढ़े थे एवरेस्ट
एडम परोरे के मुताबिक उन्हें एडवेंचर का जुनून तो था ही. इसके जरिए उन्हें चैरिटी करने का भी अवसर मिला. इसलिए उन्होंने इस काम को किया. बता दें इससे उन्होंने बच्चों की चैरिटी के लिए करीब 79,000 डॉलर यानि करीब 68 लाख 34 हजार रुपये जुटाए थे. एवरेस्ट चढ़ने के लिए परोरे ने 3 गाइड, 10 शेरपा और 7 दूसरे पर्वतारोहियों की मदद ली थी.
परोरे का करियर
एडम परोरे ने न्यूजीलैंड के लिए 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था. वो कीवी टीम के लिए विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर खेलते थे. उन्होंने अपने करियर में 78 टेस्ट में 26.28 की औसत 2865 रन, 179 वनडे में 25.68 की औसत से 3314 रन बनाए थे. वहीं विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने 204 शिकार किए थे. परोरे ने साल 12 साल खेलने के बाद 2002 में 31 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.