मैहर : मध्यप्रदेश के मैहर क्षेत्र में धान खरीदी के दौरान एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में चार प्रमुख खरीदी केंद्रों पर 2 करोड़ 18 लाख 50 हजार रुपये की धान गायब मिली. यह घोटाला अब जांच के दायरे में आ गया है, और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) भोपाल ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. गायब धान की कुल मात्रा लगभग 9,000 क्विंटल से अधिक बताई जा रही है, जो एक गंभीर मामले की ओर इशारा करती है.
जिन चार खरीदी केंद्रों पर कार्रवाई की गई है, उनमें से दो प्रमुख केंद्र हैं – जिले की सेवा सहकारी समिति दलदल और हिरौंदी. इन केंद्रों पर धान की भारी मात्रा गायब मिली, जिसके बाद विभाग ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू कर दी है.इस मामले में अधिकारियों ने यह पुष्टि की है कि एक बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है, और अब इसका पूरा सत्य सामने लाने के लिए जांच पूरी तरह से शुरू कर दी गई है.
यह पहली बार नहीं है जब मैहर जिले में धान खरीदी में अनियमितताओं का खुलासा हुआ हो. इससे पहले 8 मार्च को मनकीसर खरीदी केंद्र में भी एक और बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया था, जहां 96 लाख 68 हजार 280 रुपये की लगभग 4,203.6 क्विंटल धान कम मिली थी. इस घटना ने अधिकारियों को गंभीर चिंता में डाल दिया और नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम पंकज बोरसरे ने तुरंत केंद्र प्रभारी, समिति प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ रामनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में भी जांच जारी है.
वर्तमान में, ईओडब्ल्यू की टीम इन दोनों मामलों की गहन जांच कर रही है और जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित करने का प्रयास कर रही है. इस पूरे मामले ने धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता को लेकर सवाल खड़े किए हैं. विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी.