अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व निदेशक डॉ. वेणुगोपाल का मंगलवार शाम 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. डॉ वेणुगोपाल के ही नाम भारत में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट करने की उपलब्धि दर्ज है. बता दें, भारत में पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट साल 1994 में तीन अगस्त को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुआ था. इस ऑपरेशन को डॉ. पी. वेणुगोपाल की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने किया था. जिसके बाद से हर साल तीन अगस्त को भारत में हृदय प्रत्यारोपण दिवस के रुप में मनाया जाता है.
इससे पहले 1968 में मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में डॉ. पीके सेन ने हार्ट ट्रांसप्लांट की कोशिश की थी. लेकिन इसमें मरीज की मौत हो गई थी.
इंदिरा गांधी की गोलियों से छलनी हालत में की सर्जरी
इसके अलावा डॉ. वेणुगोपाल ने ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोलियों से छलनी हालत में सर्जरी की थी. उस समय वह एम्स के कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख थे. एम्स के पूर्व निदेशक की इंदिरा गांधी के इलाज से जुड़े संस्मरणों पर आधारित उनकी किताब का कुछ ही महीने पहले विमोचन भी किया गया था.
16 साल की उम्र में एम्स किया टॉप
बता दें कि डॉ. वेणुगोपाल 16 साल की उम्र में एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले एम्स टॉपर भी रहे थे. हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में अग्रणी योगदान देने वाले डॉ. वेणुगोपाल ने भारत का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट तो किया ही था. इसके अलावा अपने कार्यकाल में डॉ. वेणुगोपाल ने 50 हजार से ज्यादा हार्ट सर्जरी की थी. वहीं 2005 में उनके हार्ट की भी सर्जरी हुई थी.
पद्म भूषण से सम्मानित
जानकारी के मुताबिक बुधवार (9 अक्टूबर) को दोपहर 3 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा. उन्होंने और उनकी पत्नी ने संयुक्त रूप से 2023 में अपने संस्मरण, हार्टफेल्ट को प्रकाशित किया था. चिकित्सा क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1998 में देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण देकर उन्हें सम्मानित किया था.