पहलगाम हमला इंसानियत के खिलाफ, गुनहगारों को सजा मिलनी ही चाहिए… J&K असेंबली में पेश हुआ प्रस्ताव

पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया. सभी विधायकों ने 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा. केंद्र शासित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और एनसी नेता सुरेंद्र चौधरी ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव में कहा गया कि यह सदन पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का पूर्ण समर्थन करता है.

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला विजिटर्स गैलरी में बैठक विशेष सत्र की कार्यवाही देख रहे थे. प्रस्ताव में कहा गया, ‘यह सदन 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर किए गए बर्बर और अमानवीय हमले पर गहरा दुःख और पीड़ा व्यक्त करता है तथा इस जघन्य एवं कायराना कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा करता है. इस तरह के आतंकवादी कृत्य कश्मीरियत के चरित्र, हमारे संविधान में निहित मूल्यों तथा एकता, शांति और सद्भाव की भावना पर सीधा हमला है, जो लंबे समय से जम्मू और कश्मीर तथा हमारे राष्ट्र की विशेषता रही है.’

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ पेश प्रस्ताव में कहा गया, ‘यह सदन पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है. हम उन लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्हें अपूरणीय क्षति हुई है और हम उनके दुख को साझा करने और उनकी जरूरत की घड़ी में उनका साथ देने के अपने सामूहिक संकल्प की पुष्टि करते हैं. यह सदन शहीद सैयद आदिल हुसैन शाह के सर्वोच्च बलिदान को नमन करता है, जिन्होंने पर्यटकों को बचाने का बहादुरी से प्रयास करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.’

सुरक्षा एजेंसियां चूक के लिए जवाबदेह

कांग्रेस विधायक गुलाम अहमद मीर ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले से हम स्तब्ध और दुखी हैं और इसकी निंदा करते हैं. पहली बार कश्मीर के लोगों ने आतंकवादी हमले के खिलाफ बंद का आह्वान किया. हम इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने के सरकार के कदम की सराहना करते हैं. सभी दलों ने सरकार को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि हम उमर अब्दुल्ला सरकार पर सवाल नहीं उठा सकते क्योंकि कानून और व्यवस्था उसके अधीन नहीं है. सुरक्षा एजेंसियों को इस चूक के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. हम सरकार द्वारा उठाए गए किसी भी कदम का समर्थन करेंगे.

आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जाए

पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र मेंनेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा, ‘हम उन लोगों के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हैं, जो पर्यटक के तौर पर आए थे लेकिन यहां से उनके शव वापस गए. यह बहुत दुखद है. हम इसके खिलाफ एकजुट हैं. मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में प्रस्ताव लाया, हम उसका स्वागत करते हैं. आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जाना चाहिए… अगर सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन होता है, तो हमारे जवान मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं और हम दे भी रहे हैं.’

कश्मीर के साथ एकजुटता दिखाए देश

पहलगाम आतंकी हमले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि देश में हमारी पहली विधानसभा है जो इस घटना की निंदा करते हुए प्रस्ताव लाई है. कश्मीरी और कश्मीरी मुसलमान दुश्मन नहीं हैं. पूरे देश को कश्मीर के साथ खड़ा होना चाहिए. उन्हें (आतंकवादियों को) पकड़ना और सलाखों के पीछे डालना हमारा अधिकार है.’

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